Breaking News

उत्तर प्रदेश से चला बुलडोजर जानिए किस-किस राज्य तक पहुंचा, क्या लोकसभा चुनाव में बुलडोजर बनेगा मुद्दा

नई दिल्ली उत्तर प्रदेश में गुंडे-बदमाश, दंगाइयों, माफियाओं पर चलने वाले बुलडोजर का ट्रेंड बाकी राज्यों में भी पहुंच चुका है। यूपी से चला बुलडोजर अब तक देश के पांच राज्यों में पहुंच चुका है। खरगोन में हुई हिंसा हो या जहांगीरपुरी में हुई हिंसा, हर हिंसा के बाद अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलता दिखाई देता है। सवाल ये भी उठने लगा है कि क्या बुलडोजर के सहारे ही 2024 की राह तैयार होगी?
सबसे पहले बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां पिछले तीन साल से अपराधियों के घरों और संपत्ति पर खूब बुलडोजर चला। एक आंकड़े के अनुसार अब तक, 20 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर योगी सरकार का बुलडोजर चल चुका है। इसमें 325 करोड़ रुपये की संपत्ति अकेले माफिया अतीक अहमद थी।

मध्य प्रदेश : 12 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर चला बुलडोजर

यूपी से चला बुलडोजर सबसे पहले पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में पहुंचा। यहां दो साल के अंदर गुंडों और भूमाफिया से 15 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई जा चुकी है। इसकी कीमत करीब 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। शिवराज सरकार ने बुलडोजर चलाने के साथ ही 188 भूमाफिया पर रासुका लगाई, तो 498 को तड़ीपार भी किया।

हाल ही में खरगोन हिंसा के बाद 24 घंटे के अंदर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 45 मकान-दुकानें ध्वस्त कर दीं। आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले ही बुलडोजर चला दिए गए।

गुजरात : हिंसा के आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर

गुजरात के खंभात में रामनवमी पर हुई हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने बुलडोजर चलवा दिया। प्रशासन का कहना था कि आरोपियों ने जो अतिक्रमण किया था, उसे गिरा दिया गया है। रामनवमी पर गुजरात के हिम्मत नगर और आनंद जिले में हिंसा हुई थी, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी थी। इसमें एक की मौत भी हो गई थी।

दिल्ली : दंगा वाले इलाके में खूब चला बुलडोजर
16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर यहां जहांगीरपुरी में शोभायात्रा निकाली गई थी। इस शोभायात्रा पर पथराव हो गया। आरोप लगा कि एक समुदाय विशेष ने टारगेट किया। बुधवार को दिल्ली नगर निगम ने इस इलाके में हुए अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया। जिस मस्जिद से पथराव की शुरुआत होने का आरोप है, वहां भी बुलडोजर चला। बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण को हटाया गया। हालांकि, एमसीडी का कहना है कि ये कार्रवाई 11 अप्रैल को होनी थी, लेकिन पुलिस फोर्स की व्यवस्था नहीं होने के कारण इसमें समय लगा।

हरियाणा : सिरसा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भी योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर स्टाइल अपना लिया। खट्टर सरकार ने पिछले साल जुलाई में सिरसा में दो बड़ी अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलवा दिया था।

असम : ड्रग्स पर मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने खुद चलाया बुलडोजर
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने ड्रग्स पर खुद बुलडोजर चलाया। मुख्यमंत्री ने पिछले साल नगंवा जिले में जब्त किए गए ड्रग्स पर बुल्डोजर चला दिया। तब उन्होंने कहा था, ‘उन्हें पता है कि असम के रास्ते पूरे भारत में ड्रग्स सप्लाई होती है। इस सप्लाई की लाइन को काट देना और इसके उत्पदान को बंद करना हमारा कर्तव्य है।’

महाराष्ट्र में कंगना के ऑफिस पर चला था बुलडोजर
ऐसा नहीं है कि केवल भाजपा शासित राज्यों में ही बुलडोजर की कार्रवाई हुई। महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना गठबंधन वाली सरकार ने अभिनेत्री कंगना रणौत के ऑफिस पर बुलडोजर चलाया था। तब ये कार्रवाई काफी चर्चा में रही। कार्रवाई से पहले कंगना लगातार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार को टारगेट कर रहीं थीं।
क्या बुलडोजर से बनेगी 2024 की राह?

योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से अपराधियों और माफियाओं पर बुलडोजर का वार किया है, उसका काफी असर देखने को मिल रहा है। अब यूपी में बड़ी संख्या में अपराधी जेल से बाहर ही नहीं निकलना चाहते हैं। यही नहीं, जिस पर भी एफआईआर दर्ज होती है वह खुद थाने पहुंचकर सरेंडर कर देता है। ये तरीका अब देश के बाकी भाजपा शासित राज्यों में भी अपनाया जाने लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बुलडोजर के सहारे ही भाजपा 2024 के लिए राह बनाएगी?

इसका जवाब जानने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि छोटे-बड़े सभी अपराधियों में पुलिसिया कार्रवाई को लेकर अब खौफ आने लगा है। एक तरफ घर और संपत्ति पर बुलडोजर चल रहा है तो दूसरी ओर एनकाउंटर ने अपराधियों में डर का माहौल बना दिया है।’

श्रीवास्तव आगे कहते हैं, ‘अपराध पर लगाम लगाने के लिए ये तरीका अब बाकी राज्य भी अपना रहे हैं। ऐसा करने से राज्य सरकारें सीधे तौर पर लोगों के बीच चर्चा में आ रहीं हैं। गुंडे-बदमाशों पर इस तरह की कार्रवाई आम लोगों को अच्छी लगती है। इसका पॉजिटिव संदेश जाता है। ऐसे में यह मान सकते हैं कि 2024 चुनाव को देखते हुए भाजपा शासित बाकी राज्यों में भी बुलडोजर की रफ्तार तेज होगी।’

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी की रैलियों में भी लोग बुलडोजर लेकर पहुंचते थे। अपनी रैलियों में योगी माफिया पर बुलडोजर चलाने का जिक्र करते थे। बुलडोजर को कानून व्यवस्था के साथ जोड़ने से भाजपा को इसका फायदा भी हुआ।