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भोपाल पुलिस ने हनुमान जयंती के जुलूस के लिए हाई अलर्ट, ड्रोन से की जाएगी

देश में सालों बाद रामनवमी के दिन भयानक हिंसा हुई। लंबे समय से भाईचारे से रहते आ रहे लोगों के दिलों में न जाने किसने आग लगा दी और रामनवमी का जुलूल ले जा रहे भक्तों में दुसरे धर्म के लोगों ने पथराव करने शुरू कर दिए। रमजान और रामनवमी इस साल एक साथ मनाई जा रही थी। एक कई सालों में एक बार होता हैं लेकिन हिंसा की घटनाओं की खबर शायद ही कहीं से आती हो लेकिन मध्य प्रदेश के खरगोन में हिंसा इतनी ज्यादा फैला की प्रशासन ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाया। लोगों के घर फूंके गये। वाहनों को जताया गया। खरगोन में रहने वाले के लिए यह काफी तनावपूर्ण समय था। अब एक बार से हिंदुओं का धार्मिक उत्सव हनुमान जयंती का दिन है। इस दिन भी भारी संख्या में हनुमान भक्त मंदिर जाते हैं। हनुमान जयंती पर किसी तरह को कोई तनाव न हो इस लिए प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर है। खरगोन रामनवमी हिंसा के बाद, भोपाल पुलिस हनुमान जयंती के जुलूस के लिए हाई अलर्ट पर है और शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन से इसकी निगरानी कर रही है।

एएनआई से बात करते हुए पुलिस आयुक्त, मकरंद देवस्कर ने शुक्रवार को कहा था कि ड्रोन के अलावा पुलिस विभाग ने जुलूस पर नजर रखने के लिए एक बड़ा पुलिस बल तैनात किया है। हनुमान जयंती के जुलूस को देखते हुए हमने जुलूस की व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात किया है। अतिरिक्त वीडियो कैमरों और ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, सादे कपड़ों में एक पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा, जो एक उपद्रवियों पर नजर रखें। आयुक्त ने कहा कि विभाग ने पिछले कई दिनों में विभिन्न स्थानों पर बैठकें की, जिसके अनुकूल परिणाम दिख रहे हैं और कहा, ”मुझे विश्वास है कि शनिवार का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा।

उन्होंने नागरिकों से शांति और उत्साह के साथ त्योहार मनाने की अपील करते हुए कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे ताकि त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जा सके. हनुमान जयंती का त्योहार भगवान हनुमान के भक्तों द्वारा हिंदू भगवान की जयंती को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। इस साल यह पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान लोगों के समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था, जिसमें पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे। जुलूस की शुरुआत में पथराव शुरू हो गया था, जिसमें एक पुलिस निरीक्षक सहित लगभग चार लोग घायल हो गए थे।

आपको बता दे कि मध्यप्रदेश के खरगोन कस्बे में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर टिप्पणी करते हुए दूसरे राज्य की एक मस्जिद की तस्वीर ट्वीट करने को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ चार और मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदेश में अब तक कुल नौ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। ताजा प्राथमिकी में से तीन बुधवार शाम को इंदौर जिले के महू, किशनगंज और खुड़ैल थाने में दर्ज की गई हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज सौनी ने बताया कि चौथा मामला बैतूल जिले के कोतवाली थाने में दर्ज किया गया है। विवादास्पद ट्वीट को लेकर राज्य में लगातार मामले दर्ज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘भले ही पुलिस थानों में मेरे खिलाफ लाख-दो लाख मामले दर्ज करा दिए जाएं, लेकिन मैं आखिरी सांस तक भाईचारे की बात करता रहूंगा।’’

उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘अगर भाजपा को भाईचारे की बात पसंद नहीं है तो इसमें मेरा नहीं, बल्कि भाजपा का दोष है।’’ गौरतलब है कि विवादास्पद ट्वीट को लेकर सिंह के खिलाफ पिछले तीन दिन में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में पांच प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं। हालिया ट्वीट में सिंह ने एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें कुछ युवकों को एक मस्जिद पर भगवा झंडा फहराते हुए दिखाया गया था। उन्होंने इस तस्वीर के साथ खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र किया था। बाद में उन्होंने ट्वीट से इस फोटो को डिलीट कर दिया था। सत्तारुढ़ भाजपा नेताओं ने तुरंत कहा कि मस्जिद की तस्वीर मध्य प्रदेश की नहीं है।