राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने आरोप लगाया कि साल 2021 में (तब विपक्ष में रहे) फडणवीस द्वारा कथित रूप से भेजे गए एक व्यक्ति ने उनसे मुलाकात की थी और उसके पास तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार और तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब को फंसाने वाले कई हलफनामे थे। पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने उनसे कहा था कि उन्हें खुद को मुकदमेबाजी से बचाने के लिए इन हलफनामों पर दस्तखत कर देना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था।
फडणवीस ने क्या दी थी चेतावनी?
इस पर देवेंद्र फडणवीस ने देशमुख को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, ‘फूट से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने मुझे उनके बारे में कुछ ऑडियो टेप दिए हैं, जिसमें वह शरद पवार, उद्धव ठाकरे और सचिन वाजे के बारे में बात कर रहे हैं। यदि मुझ पर झूठे आरोप लगाए जाते हैं तो मेरे पास इस सबूत को सार्वजनिक करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा।’
भाजपा नेता ने कहा था कि देशमुख उस मामले में बरी नहीं हुए हैं, जिसमें उनपर पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये जुटाने का निर्देश देने का आरोप है, वह बस जमानत पर बाहर हैं।
अनिल देशमुख का पलटवार
भाजपा नेता फडणवीस की चेतावनी के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ‘कल मैंने देवेंद्र फडणवीस के ऊपर आरोप लगाए थे कि तीन साल पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुझ पर केंद्र शासन के जरिए दबाव डाला था और मुझसे उस समय उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अजित पवार के खिलाफ झूठा आरोप लगाने के लिए कहा था। जो आरोप मैंने देवेंद्र फडणवीस पर लगाए थे कि उन्होंने मुझे झूठे आरोप में फंसाया, उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मेरे पास है। अगर कोई मुझे चुनौती देता है तो मैं उसका खुलासा करूंगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘कल देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उनके पास मेरी कुछ वीडियो क्लिप हैं, जिसमें मैंने शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बारे में बोला है। मेरा उनसे आह्वान है कि उनके पास जो भी मेरा वीडियो है, उसे जगजाहिर करना चाहिए।’