नई दिल्ली मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 पांच मई को आयोजित की गई थी। इससे पहले राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी नीट-यूजी परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इसके सामाजिक प्रभाव हैं। इस बीच याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि NTA ने पेपर लीक होने और वॉट्सऐप के जरिए लीक हुए प्रश्नपत्रों के प्रसार की बात स्वीकार की है। याचिकाकर्ताओं-छात्रों के वकील की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने कोर्ट को बताया कि बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था और संबंधित बैंकों में प्रश्नपत्र जमा करने से पहले हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ई-रिक्शा द्वारा प्रश्नपत्र ले जाना एक स्थापित तथ्य है, लेकिन छोटी सी बात यह है कि जो तस्वीर वितरित की गई थी, वह प्रश्नपत्र की नहीं बल्कि ओएमआर शीट की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपियों के बयान पढ़े। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आरोपियों के बयानों से संकेत मिलता है कि छात्र 4 मई की शाम को याद करने के लिए एकत्र हुए थे और इसका मतलब है कि नीट-यूजी 2024 का लीक 4 मई से पहले हुआ था।