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क्या राहुल गांधी एमएसटी गारंटी कानून की मांग प्रमुख चेहरा बनेंगे

 नई दिल्ली एसकेएम की तरफ से हाल ही में एक बड़ी बैठक बुलाई गई थी। बैठक में एसकेएम के देशभर में सक्रिय सदस्य शामिल हुए थे। इस बैठक में ये तय किया गया है कि एसकेएम फिर से अपना किसान आंदोलन शुरू करेगा।

एमएसपी की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कई मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। एसकेएम की किसान आंदोलन को लेकर नई रणनीति के तहत कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एमएसपी गारंटी कानून की मांग का प्रमुख चेहरा बन सकते हैं। इसे लेकर एसकेएम की टीम ने काम शुरू कर दिया है।

एमएसपी की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कई मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। एसकेएम की किसान आंदोलन को लेकर नई रणनीति के तहत कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एमएसपी गारंटी कानून की मांग का प्रमुख चेहरा बन सकते हैं। इसे लेकर एसकेएम की टीम ने काम शुरू कर दिया है।
अमर उजाला से चर्चा में किसान नेताओं ने कहा कि एसकेएम विशेष अभियान के तहत 16 से 18 जुलाई तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं को अपना मांग पत्र सौंपेगा। ये पूरी कवायद संसद में एमएसपी गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल लाने की तैयारी को लेकर है। हम नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एमएसपी की गारंटी पर महाराष्ट्र के हातकणंगले से पूर्व सांसद और ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमेटी के किसान नेता राजू शेट्टी की तरफ से लाया गया प्राइवेट बिल सौंपेगे। जिसे सदन में फिर से रखने की मांग करेगे।

सूत्रों का कहना है कि एसकेएम संसद के आगामी सत्र में एमएसपी के गारंटी कानून पर चर्चा करवाना चाहता है। इसके लिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के माध्यम से एमएसपी गारंटी पर राजू शेट्टी की तरफ से लाए गए प्राइवेट बिल को दोबारा संसद के पटल पर रखने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस पूरे मामले में योगेंद्र यादव की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। क्योंकि यादव कांग्रेस की कोर ग्रुप में शामिल हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान योगेंद्र यादव और राहुल गांधी अच्छा तालमेल देखने को मिला था। वहीं यादव एसकेएम के भी सदस्य रहे हैं। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए ही उन्होंने एसकेएम से दूरी बनाई थी, लेकिन उनका किसान संगठन जय किसान आंदोलन एसकेएम का अहम सदस्य है। इसलिए एसकेएम ने राहुल गांधी से बातचीत की जिम्मेदारी योगेंद्र यादव को सौंपी हैं।

ये भी बनी है रणनीति
दूसरी तरफ, संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि वह किसानों के हित के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाएगे। आंदोलन से पहले सभी राज्यों के संगठनों को मजबूत किया जाएगा। अन्नदाताओं की जो मांगे हैं, उसे लेकर एक मांग पत्र तैयार किया जाएगा। इस किसानों के बीच प्रसारित करने का भी प्लान है। ऑल इंडिया मूवमेंट के जरिए किसान की आवाज को दोबारा उठाया जाएगा। किसान संगठन का कहना है कि अन्नदाताओं के साथ सरकार ने झूठ बोला है।

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में तय हुआ है कि अगले तीन-चार महीने में किसान आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। किसान आंदोलन की सक्रियता के कारण ही भाजपा ने भारी हार का सामना किया है। किसानों का फोकस चार राज्यों में होने वाले चुनावों पर होगा। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में ‘भाजपा को बेनकाब करो’ का आंदोलन चलाया जाएगा, ताकि लोगों तक अपनी बात पहुंचा जा सके।