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आपातकाल की बरसी पर मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को घेरा, एनडीए और इंडिया गठबंधन पर मिलकर संविधान को धीरे.धीरे खत्म करने का आरोप लगाया

आपातकाल की बरसी पर जहां भाजपा विपक्षी कांग्रेस को घेर रही है वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन इंडिया मोदी सरकार को घेरते हुए आरोप लगा रहा है कि भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है। आप सत्ता पक्ष या विपक्ष के नेताओं के बयानों को देखेंगे तो पाएंगे कि दोनों एक दूसरे पर लोकतंत्र और संविधान को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाते हुए खुद को संविधान और लोकतंत्र का सबसे बड़ा रक्षक बताने का दावा कर रहे हैं। लेकिन इस सबके बीच बसपा मुखिया मायावती ने एनडीए और इंडिया गठबंधन पर मिलकर संविधान को धीरे-धीरे खत्म करने का आरोप लगा दिया है। लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान बसपा मुखिया मायावती सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्ष पर जमकर बरसीं।

संसद में विपक्षी सांसदों द्वारा सत्ता पक्ष को संविधान की प्रतियां दिखाये जाने के मुद्दे पर मायावती ने कहा कि ये दोनों ही पार्टियां एक ही थाली के चट्टे-बट्टे लग रहे हैं। मायावती ने आरोप लगाया कि इन दोनों ने ही संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया है। मायावती ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष की आपस में मिलीभगत है और जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक किया जा रहा है। मायावती ने आरोप लगाया है कि दोनों ही अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जोकि उचित नहीं है।

मायावती ने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिये कि अब ये समतामूलक और धर्मनिरपेक्ष नहीं बल्कि पूंजीवादी, जातिवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया है। मायावती ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों ही पार्टियां आरक्षण समाप्त करना चाहती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह दोनों पार्टियां एससी, एसटी और आदिवासी वर्ग को संविधान का लाभ नहीं देना चाहती हैं।