विपक्षी दलों ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रपति भवन ने जी20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजा था, निमंत्रण में ‘President of India’ के बजाय ‘President of Bharat’ लिखा था। इसके लेकर सबसे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल खड़े किए। इसके बाद तमाम विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “…आज, उन्होंने (केंद्र ने) भारत का नाम बदल दिया। G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण कार्ड में रात्रि भोज, इसमें ‘भारत’ का उल्लेख है…अंग्रेजी में हम कहते हैं ‘इंडिया’ और ‘भारतीय संविधान’ और हिंदी में हम कहते हैं ‘भारत का संविधान’। हम सभी ‘भारत’ कहते हैं, इसमें नया क्या है? लेकिन ‘इंडिया’ नाम से दुनिया वाकिफ है…अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हें देश का नाम बदलना पड़ा?
भाजपा का जवाब
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को देश के सम्मान एवं गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? भारत जोड़ो के नाम पर राजनीतिक यात्रा करने वालों को “भारत माता की जय” के उद्घोष से नफरत क्यों है? स्पष्ट है कि कांग्रेस के मन में न देश के प्रति सम्मान है, न देश के संविधान के प्रति और न ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति। उसे तो बस एक विशेष परिवार के गुणगान से मतलब है। कांग्रेस की देश विरोधी एवं संविधान विरोधी मंशा को पूरा देश भलीभांति जानता है। राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण ‘भारत के राष्ट्रपति’, के नाम से भेजे जाने पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह बहुत पहले होना चाहिए था। यह बहुत संतोष देने वाला है। भारत हमारा परिचय है। इसे लेकर हम गौरान्वित है। मुझे विश्वास है कि देश बहुत खुश होगा कि राष्ट्रपति ने भारत के नाम को प्राथमिक दी। यह दासत्व की मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा बयान है।