Breaking News

अब दो सर्वे के अनुसार इस बार यूपी की सत्ता समाजवादी पार्टी संभालेगी

कानपुर। यूपी में मुख्यमंत्री की सीट पर कौन बैठेगा, इसका फैसला दस तारीख को होगा। इस चुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी में सीधी टक्कर देखने को मिली। 2022 का विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास रहा है। इस बार नेताओं ने एक दूसरे पर सीधे और तीखे हमले किए। वहीं, समाजवादी पार्टी ने भाजपा को किसानों, बेरोजगारी और महंगाई समेत कई मुद्दों पर घेरा।

सोमवार को जारी हुए विभिन्न एग्जिट पोल में से अधिकांश का अनुमान है की यूपी में योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से सत्ता संभालेंगे। वहीं दो एग्जिट पोल ऐसे भी आए हैं जिनका मानना है कि सूबे की जनता ने अखिलेश पर भरोसा जताया है। सात चरणों में हुए मतदान को लेकर सोमवार को 12 न्यूज चैनलों और एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए। इनमें सो दो एग्जिट पोल का मानना है कि इस बार यूपी की सत्ता समाजवादी पार्टी संभालेगी।

देशबंधु के एग्जिट पोल में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी अपने गठबंधन दलों के साथ सरकार बनाएगी। 4-पीएम और द पॉलिटिक्स डॉट इन का भी अनुमान है कि अखिलेश यादव सरकार बनाने में सफल होंगे। अनुमान है कि सपा को 238 सीटें मिलेंगी जबकि भाजपा 157 सीटें पर ही सिमट कर रह जाएगी।

देशबंधु का सर्वे समाजवादी पार्टी को 228 से 244 सीटें मिलने का दावा कर रहा है। जबकि भाजपा को अधिकतम 150 सीटें मिलती ही दिख रही हैं। इन सभी सर्वे के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया का दावा है कि सपा गठबंधन को 300 सीटें मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि सातवें चरण में सपा-गठबंधन को बहुमत से आगे ले जाने के लिए जनता का आभार। इस दौरान उन्होंने यूपी के युवाओं को विशेषरूप से धन्यवाद दिया।

उधर, सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने यूपी चुनाव को लेकर आए विभिन्न चैनलों के एग्जिट पोल को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल्स द्वारा दिखाई जा रही तस्वीर आभासी, भ्रामक और अविश्वसनीय है। जनता इसके पीछे की मंशा को बहुत अच्छे से समझ रही है। समाजवादी गठबंधन पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रहा है। प्रत्याशी व कार्यकर्ता मतगणना तक सतर्क व सक्रिय रहें। निश्चय ही सफलता आपकी राह देख रही है।
इसके साथ ही राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी का कहना है कि जब तक ईवीएम नहीं खुलती तब तक किसी को भी रिजल्ट नहीं पता हो सकता। एग्जिट पोल का एक प्रॉसेस होता है। मैंने तो एक भी पोलिंग बूथ पर किसी भी एग्जिट पोल वाले को नहीं देखा। पता नहीं, ये लोग कहां से डेटा लाते हैं।