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वेंटिलेटर पर पड़ी बसपा में रुश्दी मियां ने डाल दी जान

संजय श्रीवास्तव
वाजिदपुर(अयोध्या)रूदौली विधान सभा मे वेंटिलेटर पर पड़ी बसपा में पूर्व विधायक रुश्दी मियां ने जान डाल दी।यह वही बसपा है जिसको एक माह पूर्व कोई नाम लेना नही पसंद करता था।यहां तक कि क्षेत्र में सिर्फ इक्का दुक्का ही कार्यकर्ता ढूंढने से मिलते थे।अधिकांश कार्यकर्ता बीजेपी या सपा में शिफ्ट हो गये थे।

 

लेकिन अचानक जब राजनैतिक घटना क्रम बदला और रूदौली से सपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर अब्बास अली ज़ैदी के स्थान पर आनन्दसेन यादव को कर दिया।इस पर रूदौली की जनता का सपा के प्रति काफी आक्रोश उतपन्न हो गया।सपा से टिकट कटने के बाद पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी ने जब बसपा का दामन थाम लिया तो उसी समय से बसपा के प्रति लोगों का जुड़ाव शुरू हो गया।पिछली बार दलित मतदाता भाजपा की तरफ मुड़ गया था लेकिन इस बार जब दलित मतदाताओं ने देखा कि प्रत्याशी दमदार है तो यही सोंच कर दलितों का रुझान भी बसपा की तरफ तेजी से बढ़ गया।दलितों के बढ़ते रुझान को देखकर सबसे ज्यादा भाजपा परेशान दिखी।भाजपा ने इस चुनाव को धुर्वीकरण कराने का प्रयास किया।

 

भाजपा के कुछ कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर मवई चौराहा पर हुए विवाद को तूल पकड़ा कर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया।दूसरी तरफ सपा में भी खलबली मची रही कि कहीं उनका अल्पसंख्यक वर्ग का वोट बैंक बसपा की तरफ तो नही मुड़ रहा है।मतदाता इस बार इतनी चतुराई दिखा रहा था कि वह सबसे वादा कर रहा था लेकिन अपना मुंह नही खोल रहा था।

सपा और भाजपा के लोग यह समझने का भरसक प्रयास करते रहे कि आखिर इन दो समुदायों के मतदाता इस बार क्या गुल खिलायेंगे।कुछ चतुर किस्म के मतदाता होटल पर बैठते और जब किसी दल का प्रत्याशी उनके पास पहुंचता तो यह उसी की शान में कसीदे पढ़ने लगते और जब वहां से वह समर्थक हटता है तो यह लोग मजाकिया अंदाज में कहते कैसा इनको बनाया।इस बार रूदौली विधानसभा क्षेत्र में यही सब चला।बहरहाल मतदाताओं ने किसको वोट दिया यह गुप्त है।

जिस मतदाता ने जिसको वोट देने के लिए मन बना लिया था उसने वही किया फिर भी सभी प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं द्वारा मतगणना तक जीत हार के लिए गुणा भाग जारी हैं।