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आर्थिक संकट झेल रहे अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने बढ़ाया हाथ, गेहूं की पहली खेप आज भेजी जाएगी

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश में भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। दिन पर दिन आर्थिक और मानवीय त्रासदी गहराती जा रही है। आर्थिक संकट और बदहाली झेल रहे अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने हाथ आगे बढ़ाया है। भारत की तरफ से आज अफगानिस्तान को 10 हजार टन गेहूं की पहली खेप भेजी जाएगी। विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत गेहूं की खेप अटारी-वाघा बॉर्डरप से होते हुए भेजी जाएगी। इस दौरान भारत-पाकिस्तान के अधिकारियों के अलावा विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगेष अधिकारी गेहूं की खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

बता दें कि पाकिस्तान के साथ तय हुई बातचीत के अनुरुप, अनाज की यह खेप अटारी-वाघा जमीनी सीमा से होते हुए पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान पहुंचेगी। भारत ने सड़क मार्ग से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को 50,000 टन गेंहू भेजने के लिए ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध करते हुए सात अक्टूबर, 2021 को इस्लामाबाद को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर उसे 24 नवंबर, 2021 को जवाब मिला। पाकिस्तान से मिले जवाब के आधार पर दोनों पक्षों ने मिलकर परिवहन से जुड़ी सारी बातचीत तय की।

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेताया है कि नवंबर से अफगानिस्तान की आधी आबादी या 2.28 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगे। WFP की इस चेतावनी के कोविड-19 सूखा और संघर्ष जैसे कई कारण शामिल हैं, जिन्होंने बड़े स्तर पर देश में खाद्य व्यवस्था को प्रभावित किया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान में अब दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों का खतरा है। देश में खाद्य सुरक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।