Breaking News

भारत एक ‘वैक्सीन महाशक्ति’ बनने की ओर, 96 प्रतिशत आबादी को लगी चुकी है पहली खुराक

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश में अभी तक कोविड-19 टीके के करीब 172 करोड़ इंजेक्शन लगाए गए हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 96 फीसदी पात्र लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लग गई है, जबकि 75 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को दो खुराक दी जा चुकी हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने पहली खुराक के 96 प्रतिशत राष्ट्रव्यापी कोविड -19 टीकाकरण की सराहना की और कहा कि भारत एक वैक्सीन महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है। मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) वैक्सीन भारत में क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है। इस वैक्सीन के भविष्य में अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी काम आने की उम्मीद है। एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ भार्गव ने कहा, “भारत एक वैक्सीन महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है।
आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि हमारी आबादी के इतने बड़े हिस्से का टीकाकरण हो चुका है। तीसरी लहर के दौरान मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत और मृत्यु दर के मामले में वृद्धि नहीं देखी गई। जिसके पीछे की एक बड़ी वजह 96 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक से सुरक्षा प्रदान किया जाना है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक राष्ट्र के रुप में बड़ी ताकत को दर्शाता है।
एमआरएनए वैक्सीन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि हमें एमआरएनए प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है क्योंकि यह नया प्लेटफॉर्म है। हमने इस प्लेटफार्म पर वैक्सीन विकसित होते हुए देखी है। कोरोना वायरस को रोकने के लिए इस तरह की वैक्सीन बनाई गई है। दुनिया में यह प्रयोग सफल रहा है। यह वैक्सीन प्रभावी रही है। पॉल ने कहा, “कोविड-19 और ओमीक्रोन के मद्देनजर भारत का वैक्सीन मंच होना तो अहम है ही, अन्य बीमारियों के लिए भी यह महत्वपूर्ण है जिसके लिए हम अब भी सस्ते, प्रभावी और स्थायी टीकों की तलाश कर रहे हैं, इसलिए हम इस मंच को संजोते हैं और हम इस दिशा में जाने के लिये कंपनी और समूह की प्रशंसा करते हैं। एक मंच के रूप में, यह निकट भविष्य में और उसके बाद भी महत्वपूर्ण होगा।