www.puriduniya.com लखनऊ। कहतें हैं राजनीति में कोर्इ किसी का दुश्मन नहीं होता। जब जिसकी जहां गोटी सेट हो जाए वह वहीं चला जाता है। एेसा ही हो रहा है यूपी में। कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा शुक्रवार को फिर से मुलायम के हो लिए। बेनी प्रसाद वर्मा सपा में शामिल हो गए। वैसे तो मुलायम पर हमेशा तंज कसने वाले बेनी मुलायम सिंह के पुराने दोस्त रहे हैं। काफी दिनों से उनके सपा में जाने की अटकलें लगार्इ जा रही थीं जिस पर शुक्रवार को विराम लग गया आैर बेनी सपा में शामिल हो गए।
बेनी प्रसाद वर्मा की घर वापसी हो गर्इ है। मंच पर मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कैबिनेट मंत्री आजम खां मौजूद रहे। बेनी प्रसाद वर्मा पुराने सपार्इ रहे हैं, वे कर्इ बार के विधायक आैर सांसद रह चुके हैं। वे यूपी आैर केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं।
बेनी प्रसाद वर्मा के सपा में शामिल होने से यूपी की राजनीति को नर्इ दिशा मिलेगी। राज्यसभा के चुनाव होने वाले हैं, एेसे में बेनी का अब सपा के टिकट पर राज्यसभा जाना आसान हो गया है। बेनी का कांग्रेस में रहते हुए राज्यसभा जाना मुश्किल था। वहीं पूर्व सांसद आरएलडी नेता किरण पाल भी सपा में शामिल हो गए।
कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बेनी प्रसाद वर्मा से हमेशा फोन पर बाते होती रहती थीं। बेनी आैर किरण के पार्टी में आने से मुझे काफी खूशी है।
बेनी बोले, दो साल से सपोकेशन में था
घर वापसी के बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि वे दो साल से सपोकेशन में थे। उन्होंने सोनिया गांधी आैर राहुल गांधी को धन्यवाद दिया।कहा, उन्होंने बहुत साथ दिया। मैं अपने को वहां अरजेस्ट नहीं कर पा रहा था। ये पार्टी मेरी बनाई हुई है। कुछ बातें थीं जिसके कारण बाहर चला गया था।
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि बेनी हमारे बहुत पुराने साथी हैं। जेल में मुझे ढूढने आए थे, पार्टी बनाने में बेनी आैर आजम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बेनी ने पार्टी का समाजवादी नाम दिया था, पार्टी का संविधान आजम खां ने रखा था। कहा, मेरे सारे राजनीतिक निर्णयों में वर्मा जी साथ थे। मुलायम ने कहा कि वर्मा जी के पार्टी में आने का संदेश पूरे देश में जाएगा।
बेनी प्रसाद वर्मा एक नजर
-बेनी प्रसाद का जन्म 11 फरवरी 1941 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से पूरी हुई। इसके बाद वे लखनऊ आ गए, उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए तथा एलएलबी की। 1956 में उनकी शादी मालती देवी से हुई, उनके तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं।
-पढ़ाई खत्म कर वे भारतीय राजनीति में आ गए। वे लंबे समय तक उत्तर प्रदेश पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट मंत्री के रूप में कार्य करते रहे। वे पहली बार 1992 में उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से लोकसभा का चुनाव जीतकर केंद्र में कैबिनेट मंत्री बने।
-1996 में वे संचार के स्वतंत्र राज्यमंत्री बने। 1996 में ही वे संसदीय कार्य राज्यमंत्री बने। 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में वे फिर जीते। 1998 में उत्तर प्रदेश सपा पार्टी के प्रमुख सदस्य बने। इससे पहले वे समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी थे।
-1998 में ही वे उत्तर प्रदेश सरकार में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट तथा संसदीय कार्य मंत्री बने। 1999 में सपा छोड़ जनता दल में शामिल होकर उसके प्रमुख बने। इसी दौरान वे जनता दल के संसदीय बोर्ड के सदस्य बने।
-बेनी प्रसाद 2004 में उत्तर प्रदेश सरकार में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट, एक्साइज तथा संसदीय बोर्ड के मंत्री बने। 2007 में जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने। 2006 में वे लोकदल के उपनेता बने और 2009 में भारतीय लोकदल के जनरल सेक्रेटरी नियुक्त हुए।
-इसी दौरान वे जेल, केन डेवलपमेंट तथा चीनी उद्योग मंत्री बने। जून 2009 में वे भारतीय क्रांतिदल के जनरल सेक्रेटरी नियुक्त हुए और 2011 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने।