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रक्षक बने हैवान: पुलिस ने रात के अँधेरे का फ़ायदा उठाकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे भावी शिक्षकों-शिक्षिकाओं को बर्बरता से पीटा: देखो इन हैवानो की तस्वीरें

इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी गुंडों ने रात के अँधेरे का फ़ायदा उठाकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे भावी शिक्षकों-शिक्षिकाओं को बर्बरता से पीटा. बिना हटने की कोई चेतावनी दिए गेट बंद करके मासूमों पर कहर ढाया. पुलिस की मार से बहुत से भावी शिक्षक और शिक्षिकाएं अचेत हों गए. इसके बाद भी मन नहीं भरा
तो कई भावी शिक्षकों-शिक्षिकाओं को जानवरों की तरह घसीटकर पुलिस वैन में भरा और सिविल लाइन थाने में ले जाकर बंद कर दिया. पुलिस ने १३ लोगों पर नामजद और २००० अज्ञात लोगों के खिलाफ जान-माल के खतरे की धाराएं लगाकर एफआईआर कर दिया है. पुलिस का कहना है कि धरने पर बैठे भावी शिक्षकों-शिक्षिकाओं से सरकारी कर्मचारियों को जान-माल का खतरा है. जान-माल की क्षति किसे हुई है और किसने हैवानियत दिखाई है यह तस्वीरों से पता चलता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग कर रहे इन असहाय और मजबूर लोगों को घेर कर मारने के लिए जितनी फ़ोर्स तैनात की गई और जिस तरह इन्हें बर्बरता से पीटा गया इसकी तुलना प्रताडित और घायल भावी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने जलियावाला बाग हत्याकांड से की है.
न्याय की मांग कर रहे बेरोजगारों को बर्बरता से पिटवाना ही सपा सरकार की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है.
आज जितनी चुस्ती से जिस विशाल फ़ोर्स के साथ पुलिस ने न्याय की मांग करने वालों की आवाज दबाने के लिए बर्बरता दिखाई है वह इतिहास बन गया. असहाय और प्रताडित लोगों को सताने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस का कोई मुकाबला नहीं.