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2015-16 में 7.6% रहेगी GDP ग्रोथ रेट, 5 साल के टॉप पर रहने का अनुमान

GDPनई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष (2015-16) में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल (2014-15) में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रही थी। इस प्रकार इस साल जीडीपी ग्रोथ पांच साल में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है।
वहीं अक्टूबर-दिसंबर, 2015 क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रही जो इसके पहले की तिमाही में 7.7 फीसदी और पहली तिमाही में 7.6 फीसदी रही थी। सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स् ऑफिस (सीएसओ) द्वारा सोमवार को जारी जीडीपी के एडवांस एस्टीमेट्स में यह जानकारी दी गई है।
Q2 और Q3 के ग्रोथ के आंकड़ों में संशोधन
सीएसओ ने अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों को संशोधित करते 7.6 फीसदी और 7.7 फीसदी कर दिया, जो पहले की गणना के मुताबिक क्रमशः 7 फीसदी और 7.4 फीसदी थे।
ग्रोथ पांच साल में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान
चालू वित्त वर्ष की 7.6 फीसदी की ग्रोथ रेट बीते पांच साल में सबसे ज्यादा रहेगी। इससे पहले 2010-11 में जीडीपी ग्रोथ 8.9 फीसदी रही थी।
सीएसओ द्वारा पेश एक नए कॉन्सेप्ट रियल ग्रॉस वैल्यु एडीशन (जीवीए) के मुताबिक इस वित्त वर्ष में इकोनॉमिक ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि इस आधार पर 2014-15 में ग्रोथ 7.1 फीसदी रहेगी।
सीएसओ का एस्टीमेट वित्त मंत्रालय, आरबीआई के अनुमान से आगे
सीएसओ के जीडीपी ग्रोथ के एस्टीमेट ने वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है। वित्त मंत्रालय के छमाही आर्थिक समीक्षा में ग्रोथ रेट 7 से 7.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जाहिर किया गया था।
वहीं आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया था, जो पहले 7.6 फीसदी था।
आईएमएफ, एडीबी, मूडीज के अनुमान को भी छोड़ा पीछे
ग्लोबल एजेंसियों की बात करें तो आईएमएफ ने भारत की ग्रोथ 7.3 फीसदी, जबकि एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। उधर मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है।
कृषि ग्रोथ बढ़ी, मैन्युफैक्चरिंग में सुस्ती
इसके मुताबिक चालू साल में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 1.1 फीसदी, मैन्यूफैक्चरिंग की ग्रोथ 9.5 फीसदी और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 9.5 फीसदी रहने की अनुमान हैा। पिछले साल मैन्यूफैक्चरिंग 5.5 फीसदी और सर्विस सेक्टर 9.8 फीसदी की दर से बढ़ा था, वहीं कृषि में 1.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। यह एस्टीमेट जीडीपी की न्यू सीरिज के तहत ग्रोस वैल्यू एडिड (जीवीए) के आधार पर जारी किये गये हैं।
कमजोर बेस से Q3 में मिला सपोर्ट
ग्रोथ को कमजोर बेस के कारण भी सपोर्ट मिला, क्योंकि फाइनेंशियल ईयर 15 के तीसरे क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रही थी। दिसंबर, 2015 में समाप्त क्वार्टर के दौरान घरेलू डिमांड को फेस्टिव सीजन से भी दम मिला, हालांकि वैश्विक कारणों से मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट्स पर नकारात्मक असर पड़ा।
व्‍यक्ति आय में 6.2% के इजाफा का अनुमान
भारत की प्रति व्‍यक्ति आय में फाइनेंशियल ईयर 2015-16 के दौरान 6.2 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है। इस तरह यह बढ़कर 6452 रुपए प्रति महीने हो सकती है। सेंट्रल स्‍टैटिसटिक्‍स ऑफिस (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 की प्राइस पर फाइनेंशियल ईयर 2015-16 के लिए वास्‍तविक अर्थों में प्रति व्‍यक्ति आय 77431 रुपए हो सकती है। जबकि 2014-15 के दौरान यह 72,889 रुपए थी।
ग्रोथ में चीन से आगे है भारत
हालांकि ग्रोथ के यह आंकड़े अभी तक चीन से ज्यादा बने हुए हैं। इस क्वार्टर के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में सुस्ती, इन्फास्ट्रक्चर कंपनियों के भारी कर्ज और बैंकों पर एनपीए के बोझ के चलते भी इन्वेस्टमेंट गतिविधियों में सुस्ती बनी हुई है।
FY15 की Q3 से तेज रही ग्रोथ
ग्रोथ 7.3 फीसदी के स्तर तक पहुंच गई, जबकि बीते साल समान अवधि में यह 7.1 फीसदी रही थी। हालांकि यह सितंबर, 2015 में समाप्त क्वार्टर की तुलना में इसमें गिरावट दर्ज की गई, जब 7.4 फीसदी (संशोधित ग्रोथ 7.7 फीसदी) रही थी।
जीडीपी आंकड़ों पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास ने कहा, ‘आंकड़े खासे सकारात्मक रहे हैं। बीते डेढ़ साल में सरकार के नीतिगत और रिफॉर्म की दिशा में उठाए गए कदमों के नतीजे मिलने लगे हैं।’