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सहारनपुर हिंसा: आपस में भिड़े प्रशासनिक अधिकारी, बवाल का जिम्मेदार कौन?

लखनऊ/सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद वहां के हालात तनावपूर्ण हैं. इस हिंसक बवाल को लेकर प्रशासन के अधिकारी आपस में ही भिड़ गए. सहारनपुर के एसडीएम ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए तो वहीं पुलिस ने कहा कि सूचना के बाद एसडीएम मौके पर क्यों नहीं पहुंचे?

आपको बता दें कि शुक्रवार को महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर सहारनपुर में निकली शोभायात्रा में हिंसक बवाल हो गया. जुलूस में हुई हिंसा और आगजनी में एक शख्स की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हो गए. बवाल में मारे गए युवक का पुलिस ने रात में ही अंतिम संस्कार करवाया और मामले में दोनों पक्षों की ओर से 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में हुए बवाल को लेकर प्रशासन और पुलिसवाले आपस में ही भीड़ गए हैं. एक दूसरे पर दोष मढ़ा जा रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि सहारनपुर में बवाल का जिम्मेदार कौन ? क्या पुलिस की लापरवाही की वजह से दलितों की बस्ती जली ? दलितों के घर जलते रहे और पुलिस तमाशा देखती रही ?

सहारनपुर के एसडीएम मनोज सिंह ने एबीपी न्यूज को बताया है कि अगर पुलिस मुस्तैद होती तो सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में कल हुई हिंसा को रोका जा सकता था. उन्होंने कहा कि यह बवाल सोची समझी साजिश के तहत हुआ. इतना ही नहीं एसडीएम ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान ने बवाल को लेकर आशंका जताई थी. इसके बावजूद पुलिस क्यों नहीं पहुंची ?

तो वहीं सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दूबे ने एसडीएम मनोज सिंह पर बड़ा बयान देते हुए कहा, ”एसडीएम साहब यहां के जिम्मेदार अधिकारी हैं. वो खुद लॉ एंड आर्डर का हिस्सा हैं. पुलिस जल्द नहीं पहुंची तो वह खुद मौके पर पहुंच जाते.”

यूपी के सहारनपुर में थाना बडगांव के अन्तर्गत आने वाले ग्राम शब्बीरपुर में शुक्रवार को दो पक्षों के बीच हुए पथराव, आगजनी और गोलाबारी के मामले में अभी तक छह मुकदमे दर्ज हुए हैं और पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

मृतक सुमित के पिता ब्रहमसिंह की तहरीर पर ग्राम प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान शिवकुमार सहित सात लोगों के खिलाफ भा दं सं की धारा 302, 148, 149 और 504 के तहत रिपोर्ट दर्ज की है.

एसएसपी सुभाष चंद दुबे ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और जल्दी ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जायेगा. दुबे ने बताया कि शुक्रवार को ग्राम शब्बीरपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच डीजे को लेकर हुई मामूली तनातनी ने उग्र रूप धारण कर लिया था. इसके चलते दोनों पक्षों के बीच पथराव, गोलीबारी और आगजनी हुई थी. इस दौरान एक युवक की पत्थर लगने से मौत हो गई थी और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गये थे.

उन्होंने बताया कि गम्भीर रूप से घायल एक व्यक्ति को उपचार के लिये मेरठ रेफर किया गया है. फिलहाल पूरे गांव मे पुलिस पीएसी तैनात है. किसी राजनैतिक दल से जुडे व्यक्ति को प्रशासन गांव में प्रवेश नही करने दे रहा.

प्रदेश को दहलाने वाला है सहारनपुर में हुआ जातीय संघर्ष: मायावती

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जातीय दंगे की घटना पर गहरा अफसोस तथा चिन्ता जाहिर करते हुये आज कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक घटनाओं के बाद अब जातीय संघर्ष की वारदात से प्रदेश ‘दहलने’ लगा है. इससे यह साबित होता है कि बेहतर अपराध-नियन्त्रण तथा कानून-व्यवस्था सत्तारूढ़ बीजेपी के बस की चीज नहीं है.

मायावती ने कहा कि बिना अनुमति के जुलूस आदि निकालना और उस दौरान मनमानी करके वातावरण को प्रदूषित तथा हिंसक बनाना वास्तव में एक ‘फैशन’ सा हो गया है, जिसको रोक पाने में प्रदेश की बीजेपी सरकार विफल साबित हो रही है. उन्होंने कहा ‘‘इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी सरकार की भगवा तुष्टीकरण की नीति के कारण कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करना, हत्या तथा हिंसा करना सामान्य बात होती जा रही है, जिस कारण प्रदेश में भय एवं आतंक का एक नया खराब माहौल पैदा होता जा रहा है.’’