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संसद का बजट सत्र: लगातार 18वें दिन नहीं हुआ कोई काम

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सोमवार को लगातार 18वें दिन भी गतिरोध कायम रहा. विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही जहां सुबह शुरू होने के कुछ देर बाद ही स्थगित कर दी गई.

वहीं लोकसभा एक बार के स्थगन के बाद करीब 12 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को भी हंगामे के कारण आगे की कार्यवाही नहीं हो सकी.

सुबह, लोकसभा की बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक के सदस्य पिछले दिनों की तरह हाथों में तख्तियां लेकर आसन के समीप आकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे. तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे थे.

इस बीच कांग्रेस के कुछ सदस्यों को अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ कहते देखा गया. लेकिन हंगामे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का आग्रह किया लेकिन हंगामा जारी रहा. सदन में हंगामा थमते नहीं देख लोकसभाध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही फिर आरंभ होने पर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही.

कांग्रेस ने कहा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो, सरकार ने कहा तैयार हैं 

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील की और कहा कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव के कई नोटिस आए हैं और सदन में व्यवस्था बनने तक इस पर चर्चा करा पाना संभव नहीं है.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी अन्नाद्रमुक के सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील की और कहा कि सरकार अविश्चास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रायोजित व्यवधान के जरिए चर्चा से भाग रही है.

खड़गे ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले और विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक होने का मुद्दा उठाया.

अनंत कुमार ने कहा कि मोदी सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा मौजूदा कानून के सभी प्रावधान बरकरार रहने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालय के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर कर रही है.

इस बीच सदन में हंगामा थमता नहीं देख सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.