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संत शिरोमणि रविदास थे सच्चे समाज सुधारक-रानी मोंगिया

संभल। हिंदू जागृति मंच ने संत रैदास को संत शिरोमणि एवं समाज सुधारक कहकर उनकी जयंती पर विचार गोष्ठी आयोजित कर संत रविदास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण किया।
मोहल्ला कोट पूर्वी में स्थित सुभाष चंद्र मोगिया के निवास पर संत रविदास जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें संत रविदास के चित्र के समक्ष मनमोहन गुप्ता तथा ध्रुव अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया। विष्णु कुमार ने मोरा मन दर्पण कहलाए नामक भजन गाकर आध्यात्मिक वातावरण बनाया तो वहीं मुख्य वक्ता के रूप में रानी मोंगिया ने संत रविदास को संत शिरोमणि कहकर सच्चा समाज सुधारक बताकर उनके जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। साथ ही मार्मिक प्रसंग सुनाकर संत रविदास के बनाए, दिखाए मार्ग पर सतत चलने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि संत रविदास द्वारा रचित पद एवं गीत गुरु ग्रंथ साहब में अंकित हैं। जिनका गायन वाचन करके सिख समाज आनंदित ही नहीं गर्व और गौरव का अनुभव करता है। पलक छाबड़ा ने कहा कि संत रविदास ने अपने मन को स्वस्थ और लक्ष्य को सदैव ऊंचा बनाए रखने की नसीहत दी। कोई कर्म छोटा या बड़ा नहीं होता है ऐसा आम जनमानस को सिखा कर उन्होंने अपने कार्य और व्यवहार से समाज को उपदेश दिया। इसलिए उन्हें सच्चा समाज सुधारक माना जाता है। उन्होंने राजघराने की बहू मीराबाई को अपना शिष्यत्व प्रदान करके भगवान श्री कृष्ण की भक्ति का ऐसा रसपान कराया जो आज तक एक उदाहरण है। अर्थात हिंदू समाज के सच्चे समाज सुधारक वही हैं जो छुआछूत, भेदभाव, ऊंच-नीच के विरुद्ध निरंतर संघर्ष करते हैं और सामाजिक समरसता का संदेश बोलकर नहीं बल्कि अपने व्यवहार और कार्य से समाज को देते हैं। इस अवसर पर सुबोध कुमार गुप्ता, विकास कुमार वर्मा, अरुण कुमार अग्रवाल, रमेश छाबड़ा, सुभाष चंद्र शर्मा, अतुल कुमार शर्मा, ध्रुव अग्रवाल, मनमोहन गुप्ता, पूनम छाबड़ा, विष्णु कुमार, अजय गुप्ता सर्राफ, आशा गुप्ता आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता सुभाष चंद्र मोंगिया ने की तथा संचालन ध्रुव अग्रवाल ने किया।