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शहर ने एक विरासत खो दिया जो विरासतों का प्रेमी था

पीके लाहड़ी को दी गई श्रद्धांजलि

पीके लाहड़ी

गोरखपुर। पूर्वांचल राज्य स्थापना समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय सिन्हा ने कहा कि समिति के अध्यक्ष पीके लाहड़ी के आसमयिक निधन से पूर्वांचल राज्य आंदोलन के नेता और कार्यकर्ता सदमे में हैं। सच पूछा जाए तो पीके लाहड़ी पूर्वांचल राज्य आंदोलन के सेनापति थे। समाजसेवी लाहड़ी के निधन पर आज होटल विवेक में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रमोहन मिश्रा ने कहा कि लाहड़ी जी ने पूर्वांचल राज्य आंदोलन को काफी धारदार बनाया।

यही कारण था कि बसपा सुप्रीमो व तत्कालीन मुख्यमंत्री बहन मायावती ने उप्र को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। डॉ. हरिशंकर श्रीवास्तव ने कहा कि लाहड़ी ने व्यक्तिगत रूप से पूर्वांचल राज्य आंदोलन को पूर्वांचल के हर जिलों में पहुंचाने का काम किया। महासचिव सूर्य कुमार त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए कहा कि लाहड़ी साहब हमेशा पूर्वांचल राज्य आंदोलन के लिए नौजवानों के प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

श्रद्धांजलि सभा में कनक हरि अग्रवाल, बजरंग लाल, महेश श्रीवास्तव, विमला श्रीवास्तव, तृप्ती लाल, रेखा गौड़, डीपी मौर्य, सूर्यभान सिंह, मुरारी लाल यादव, लाल जी, केतन, रमेश कुमार आदि मौजूद रहे।

पितातुल्य श्री लाहिड़ी के आसमयिक निधन से ह्रदय बहुत आहत है : सूर्य कुमार त्रिपाठी 

आज पितातुल्य पी के लाहिड़ी साहब चले गये । सदमें में हूँ । ऐसा दुर्भाग्य कि आप को कंधा भी ना दे सका । आपके सामाजिक सरोकार अब कौन निभायेगा । कौन करेगा इस गोरखपुर शहर की चिन्ता ।
व्यक्तिगत जीवन में आपसे पाये हुये स्नेह और सम्मान ने धनी बना दिया था । अभी तो उस किताब का विमोचन बाकी था जिसमें आपके लिए मैने दो शब्द लिखने का सौभाग्य पाया था । बहुत कुछ शेष रह गया । शहर ने एक विरासत खो दिया जो विरासतों का प्रेमी था । आप हर वक्त याद आयेंगे । सादर नमन , प्रणाम ।