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शरद पवार, ममता बनर्जी और मायावती में पीएम बनने के लिए हो गए हैं बेकरार

मुंबई। अगले आम चुनाव के बाद लोकसभा में बीजेपी और कांग्रेस के संख्या बल में बदलाव की भविष्यवाणी करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार उपचुनावों के परिणाम विपक्ष में उत्साह का संचार करेंगे. पार्टी का कहना है, हालांकि विपक्ष के पास सत्तारूढ़ दल से टक्कर लेने के काबिल कोई नेता नहीं है.

सामना ने लिखा है, ‘‘(कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी का कद बढ़ रहा है. लेकिन वह नेता राहुल गांधी नहीं हो सकते हैं. (राकांपा प्रमुख) शरद पवार, ( पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी और (बसपा सुप्रीमो) मायावती में प्रधानमंत्री बनने की लालसा पल रही है.’’ शिवसेना का कहना है कि नरेन्द्र मोदी की छवि बड़े पर्दे के हीरो की तरह हो गयी है, कांग्रेस अध्यक्ष को इस छवि से लड़ना होगा.

शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा है कि 2019 में होने वाले आम चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि से लड़ना होगा. अगले आम चुनावों से पहले बीजेपी को उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों से तगड़ा झटका लगा है. पार्टी को गोरखपुर, फूलपुर और अररिया तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है.

सामना ने लिखा है कि उपचुनाव का परिणाम विपक्ष को उत्साह से भर देगा. पार्टी का कहना है कि लोग अब अपनी कल्पना की दुनिया से बाहर आ रहे हैं. केन्द्र और महाराष्ट्र सरकारों में बीजेपी के गठबंधन सहयोगी शिवसेना का कहना है, ‘‘ लोगों को अब एहसास हो गया है कि उनके साथ धोखा हुआ है. हालांकि विपक्ष के पास ऐसा नेतृत्व नहीं है जो जनता में व्याप्त आक्रोश को हवा दे सके.’’

हालांकि, शिवसेना ने अगले साल होने वाले आम चुनावों के बाद संसद में बीजेपी और कांग्रेस की सदस्य संख्या में बदलाव आने की बात कही है. पार्टी का कहना है, ‘‘ मोदी- शाह की पार्टी के पास लोकसभा में फिलहाल 280 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 50 सीटें भी नहीं हैं. यदि अन्य विपक्षी दलों को शामिल कर लिया जाये तो उनकी सम्मिलित सदस्य संख्या 150 भी नहीं पहुंचेगी. 2014 में यह स्थिति थी. लेकिन 2019 में इसमें पक्का बदलाव होगा.’’