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विदेशों से सोडा -एस का आयता बंद, स्वदेशी सोडा एस की कीमतों में इजाफा

फिरोजाबाद। होली पर पकवान बनाने हों या चिप्स पापड़ तलने हों। रिफाइंड, सरसों के तेल की जरूरत तो पड़ती ही है। त्योहार पर सरसों के तेल में मिलावट की आशंका सबसे ज्यादा बढ़ जाती है। हर साल होली त्योहार पर लिए गए सरसों के तेल के नमूने फेल हुए हैं।
सुहागनगरी के कांच चूड़ी इकाई संचालकों चूड़ी उत्पादन प्रक्रिया सुचारु रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में सोडा एस की सप्लाई नहीं मिल रही। कारखानेदारों की माने तो गिनीचुनी मात्रा में सोडा एस की सप्लाई लेने के लिए अब पहले से दोगुनी यानि 47.50 रुपये प्रति किलोग्राम तक की कीमत चुकानी पड़ रही है। सोडा एस की कीमतों में छह माह के भीतर दोगुनी बढ़ोतरी से सादा चूड़ी पर लगभग 20-25 रुपये प्रति तोड़ा की लागत बढ़ गई है।
चूड़ी कारखानेदारों की माने तो हालत सोडा एस और कलमी सोडा की दरें अगर जल्द नियंत्रित नहीं हुईं। तो होलिकोत्सव से पूर्व सुहागनगरी के अलावा मक्खनपुर, उसायनी, मोढा, कनेंटा आदि जगहों पर संचालित करीब 100 चूड़ी कारखानों में तालाबंदी होगी।
फिरोजाबाद की कांच इकाइयों को गुजरात प्रांत में संचालित टाटा केमिकल, निरमा केमिकल, गुजरात हैवी केमिकल लिमिटेड और सौराष्ट केमिकल से सोडा एस की सप्लाई मिलती है। इन सभी स्वदेशी सोडा एस सप्लायर्स कंपनियों ने प्लांटों की मरम्मत होने का हवाला देते हुए सप्लाई प्रभावित होने की बात कही है। वहीं चायना, ईरान, फ्रांस और पाकिस्तान से सोडा एस का आयात भी भिन्न-भिन्न कारणों से बंद है।
सोडा एस सप्लायर्स कंपनियों ने एक मार्च से प्रति किलोग्राम दो रुपये की बढोतरी कर दी है। अब सोडा एस 47 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से क्रय करना होगा। दरें नियंत्रित नहीं हुई, तो चूडी उत्पादन बंद करना एक मात्र विकल्प होगा।
हेमंत अग्रवाल चॉयस, उपाध्यक्ष लघु उद्योग भारती
सोडा एस, कलमी सोडा, कैडियम, जिंक और पर्ल आदि की दरों में इजाफे के कारण सादा चूड़ी पर प्रति तोड़ा करीब 25 रुपये की लागत बढ़ गई है। मंदी के कारण खुदरा व्यापारी सादा चूड़ी की रेट बढ़ाने को तैयार नहीं हैं। होली से पूर्व शहर के 100 से अधिक चूड़ी कारखाने बंद होना तय है।
अनिल कुमार उपाध्याय, कारखाना संचालक
विदेशों से सोडा एस का आयात बंद है। स्वदेशी सोडा निर्माता कंपनियों के भी कई वॉयलर्स बंद हैं। इस कारण सोडा एस की किल्लत बढ़ी है। जहां तक दरों की बात है। तो यह कंपनियों की पॉलिसी है। दर निर्धारण को लेकर हमारे हाथ बंधे हैं।
जूली गुप्ता, सप्लायर टाटा केमिकल
सोडा एस की किल्लत को देखते हुए पूर्व में सप्लायर्स और कारखानेदारों की बैठक की थी। अधिकांश उन कारखानेदारों को दिक्कत है, जो खुले बाजार से सोडा खरीद रहे हैं।