Breaking News

लोकसभा चुनाव 2024-चमके राहुल गांधी, अखिलेश.उद्धव और चंद्रबाबू ने किया बेहतर प्रदर्शन

नई दिल्ली निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) रुझानों में बहुमत से ऊपर लेकिन 300 के आंकड़े के नीचे रुकती नजर आ रही है। वहीं, इंडी गठबंधन उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं। अब तक रुझानों में भाजपा को 234, कांग्रेस को 98, समाजवादी पार्टी को 36, तृणमूल कांग्रेस को 32, डीएमके को 21, टीडीपी को 16, जदयू को 14, शिवसेना (यूबीटी) को 11, राष्ट्रवादी कांग्रेसवादी पार्टी (शरदचंद्र पवार) को 8, राजद को पांच, लोजपा (रामविलास) को पांच, शिवसेना को पांच और वाईएसआर कांग्रेस को चार सीटें मिलती दिख रही हैं। अन्य दल भी अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गठबंधन की बात करें तो भाजपा नीत एनडीए को 291 और इंडिया को 231 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं।

इस बीच बात इसकी भी हो रही है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों किस नेता की किस्मत चमकी और कौन-कौन से नेता अर्श से फर्श पर आ गए। आइए जानते हैं राहुल गांधी से लेकर चंद्रबाबू नायडू तक और जगन मोहन रेड्डी से लेकर अजित पवार तक किसने क्या पाया और क्या खोया… 

पहले जानते हैं उनके बारे में जिनकी किस्मत उन पर मेहरबान रही
  • राहुल गांधी : कांग्रेस 2014 में 44 और 2019 में 52 सीटों पर थी। इस बार वह 90 से ज्यादा सीटों पर आगे है। यानी पिछली बार के मुकाबले लगभग दोगुनी सीटों पर वह जीत रही है।
  • अखिलेश यादव: सपा ने पिछली बार बसपा के साथ गठबंधन किया। बसपा को 10 सीटें मिली थीं, लेकिन सपा पांच ही सीटें जीत पाई थी। इस बार सपा ने कांग्रेस से हाथ मिलाया। वह 30 से ज्यादा सीटों पर जीत रही। देशभर में भाजपा को सबसे बड़ा झटका सपा ने ही दिया है।
  • चंद्रबाबू नायडू: तेदेपा आंध्र प्रदेश में सरकार बनने के करीब, 127 सीटों पर आगे। पिछली बार 23 सीटें जीती थी।
  • उद्धव ठाकरे: 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे और भाजपा के बीच दूरियां आईं। उद्धव ने कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। 2022 में शिवसेना में बगावत के साथ उद्धव ठाकरे की सरकार तो गिरी ही पार्टी भी हाथ से चली गई। नए नाम और निशान के साथ लड़ रहे उद्धव ठाकरे की पार्टी 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए। जबकि, उद्धव से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे का धड़ा छह सीटों पर आगे है। अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो उद्धव ठाकरे यह कहने की स्थिति में होंगे कि उनकी शिवसेना ही असली शिवसेना है।

अब जानिए उनके बारे में जिनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया
  • जगन मोहन रेड्डी: आंध्र के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान। पिछली बार उनकी पार्टी YSRCP ने 151 सीटें जीती थीं, इस बार 22 सीटों पर सिमटती दिख रही है।
  • नवीन पटनायक: पिछली बार ओडिशा के विधानसभा चुनाव में बीजू जनता दल को 112 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार वह 47 सीटें जीतती नजर आ रही है। भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में है।
  • मायावती: पिछले चुनाव में बसपा के 10 सांसद जीते थे। इस बार वह खाता खोलने के लिए संघर्ष कर रही है।
  • अजित पवार: चाचा शरद पवार से बगावत कर एनडीए में शामिल हुए अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर कब्जा जमाया। पार्टी का चुनाव चिह्न भी उन्हें मिला। हालांकि, नतीजों में महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार की पार्टी को असली एनसीपी माना। रुझानों में अजित पवार की पार्टी महज एक सीट पर आगे है। अजित की पत्नी सुनेत्रा अपनी ननद सुप्रिया सुले से पीछे चल रही हैं।