सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाली यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए सियासी दल पूरी जोर आजमाइश करते हैं। 2014 में जब यूपी समेत पूरे देश में मोदी लहर थी, तब भाजपा ने यूपी में 71 सीटें जीती थीं। मतों में उसकी हिस्सेदारी 42.3 फीसदी रही।
2019 में भगवा खेमे का वोट शेयर बढ़कर 49.6 फीसदी तो हुआ, पर 9 सीटों का उसे नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन 2024 के प्रारंभिक आंकड़े चौंका रहे हैं। समाजवादी पार्टी और गठबंधन इस बार भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहा है और उत्तर प्रदेश की लगभग आधी सीटों पर शुरूआती रुझानों में बढ़त बनाए हुए है।
इस बार इस बार एनडीए का मुकाबला कांग्रेस नीत गठबंधन इंडिया से रहा। इसमें सपा के साथ ही ऐसे दल भी शामिल हैं, जो सियासी तौर पर जातीय समीकरणों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने में कामयाब नजर आ रहे हैं।
इस बार के चुनाव में विपक्षी गठबंधन के सामने भाजपा को कई सीटों पर कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। जिस तरह से बसपा के कोर वोटर में बिखराव हुआ, गठबंधनों की असल ताकत का आकलन कर पाना सियासी पंडितों के लिए भी बड़ा पेचीदा हो गया है।