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रातोंरात अपने 46 विधायकों को गुजरात से बेंगलुरु ले गई कांग्रेस, अब तक 7 छोड़ चुके है पार्टी का साथ

अहमदाबाद/नई दिल्ली। गुजरात में राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा अपने विधायकों के ‘‘शिकार’’ से बचाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें बेंगलुरु ‘भेजने’ का फैसला किया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, विधायक शुक्रवार (28 जुलाई) रात विमान से कांग्रेस शासित प्रदेश कर्नाटक रवाना होंगे. नाम न उजागर करने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘(गुजरात) में मौजूदा हालात को देखते हुए जहां हमारे सदस्यों को लालच देने की कोशिश की जा रही है, हम शुक्रवार (28 जुलाई) रात अपने 46 विधायकों को बेंगलुरु ले जा रहे हैं.’’ प्रदेश के एक अन्य नेता ने घटनाक्रम की पुष्टि की है.

शुक्रवार (28 जुलाई) दिन में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मांग की थी कि धन और ताकत का इस्तेमाल करके कांग्रेस के विधायकों का ‘शिकार’ करने के लिए चुनाव आयोग भाजपा के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करे. इस आरोप को भगवा दल ने खारिज किया है. गुजरात में विपक्षी पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए तीन और विधायकों ने शुक्रवार (28 जुलाई) को इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की संख्या छह हो गई.

कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को गुजरात से संसद के उच्च सदन के लिए फिर उतारा है. राज्य की 182 सदस्य विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 57 से घटकर 51 रह गई है.

इसका असर आगामी राज्यसभा चुनाव में पटेल की किस्मत पर पड़ सकता है. भाजपा ने गुजरात से अमित शाह और स्मृति ईरानी को राज्यसभा सीट के लिए मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा का टिकट दिया है.

भाजपा गुजरात में ‘धन, ताकत और राज्य सत्ता’ का इस्तेमाल कर रही है : कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार (28 जुलाई) को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह गुजरात में खरीद-फरोख्त में शामिल है और ‘धन, ताकत और राज्य सत्ता’’ का इस्तेमाल कर रही है ताकि महत्वपूर्ण राज्यसभा चुनावों से पहले दल-बदल करवा सके.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पार्टी अपने सारे विकल्प खुले रख रही है और विधायकों को चेतावनी दी कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत वे छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे. उन्होंने अदालत के फैसलों को याद किया जिसने दल-बदल को संवैधानिक पाप करार दिया है और बिना सिद्धांतों के दल-बदल को सामाजिक बुराई बताया है.

उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में भाजपा ने खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। आपने यह नौटंकी देखी है… गुजरात में भाजपा की नीति है कि सभी कानूनों को तोड़कर जैसे भी हो सत्ता में बने रहा जाए.’’कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़ने के बाद उनका यह बयान आया है. विधायकों के सीट छोड़ने से परिणाम पर असर पड़ सकता है। 182 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के 57 विधायक हैं.

भाजपा ने जहां अमित शाह और स्मृति ईरानी को राज्यसभा सीट के लिए मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा का टिकट दिया है और दल बदल से पटेल के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.