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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में सिल्क एक्सपो का उद्घाटन किया, बोले-यूपी की प्रगति पहले की तुलना में संतोषजनक है पर यहां की संभावनाओं को देखते हुए अपर्याप्त है

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में सिल्क एक्सपो का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने किसानों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि यूपी की प्रगति पहले की तुलना में संतोषजनक है पर यहां की संभावनाओं को देखते हुए अपर्याप्त है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक नारा हमेशा प्रचलित रहा है, रोटी कपड़ा और मकान। कपड़ा जीवन की आवश्यकता है और किसान की आमदनी बढ़ाने के साथ रोजगार का सशक्त माध्यम है। यूपी की प्रगति पहले की तुलना में संतोषजनक हो सकती है लेकिन यूपी की संभावनाओं को देखते हुए अपर्याप्त है। सिल्क एक्सपो भी इसका माध्यम बने इसलिए आह्वान करूंगा। मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को लखनऊ के इंदिरानगर में सिल्क एक्सपो के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर वाराणसी और भदोही के आसपास आजमगढ़ से मुबारकपुर तक के कई जिलों में सिल्क क्लस्टर डेवलप करने के लिए केंद्र ने कदम बढ़ाए हैं। काशीधाम बनने के बाद बनारसी साड़ियों की मांग में बहुत वृद्धि हुई है। पीएम मित्र पार्क टेक्सटाइल पार्क एक हजार एकड़ में विकसित होने जा रहा है लेकिन कच्चा माल हमें ही तैयार करना होगा। किसान के लिए असीम संभावनाएं हैं। बस्ती, गोरखपुर और देवीपाटन सही कई मंडलों में रेशम उत्पादन बढ़ेगा। 

यूपी का क्लाइमेट जोन अलग अलग है। ऐसे में यहां हर तरह के रेशम उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं। अगर बनारसी साड़ी सहित अन्य रेशम उत्पाद को प्रदेश में सस्ता कच्चा माल मिलेगा तो बहुत विकास होगा। मार्केटिंग से लेकर डिजाइनिंग तक के लिए सरकार आपके साथ है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अपने परंपरागत उत्पाद के लिए नई पॉलिसी बनाई, जिसे एक जिला एक उत्पाद का नाम दिया। सरकार ने इसे उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग और डिजाइनिंग से जोड़ा है। यूपी में 75 से ज्यादा उत्पादों को जीआई टैग मिला है।पिछली सरकारों की उपेक्षा का दंश यूपी के पारंपरिक उत्पादों को झेलना पड़ा। आज अलग जिलों के अलग उत्पाद ग्लोबल प्लेटफार्म में यूपी की पहचान मजबूत कर रहे हैं। सिल्क क्लस्टर यूपी में बनाना होगा। किसानों को रेशम मित्र के रूप में पहचान दिलाएंगे। सरकार हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि पीएम मित्र पार्क इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। रेशम पारंपरिक तकनीक पर है लेकिन तकनीक के साथ खुद को बदलना पड़ेगा। चरखा अब बिजली का आ गया है। रेशम के उत्पादों को जब प्रोसेसिंग से जोड़ रहे हैं तो आधुनिक तकनीक की मदद लेनी पड़ेगी।