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ममता फिर कांग्रेस के साथ, सिंघवी होंगे RS की पांचवीं सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी

कोलकाता। भाजपा की बढ़ती ताकत से चिंतित तृणमूल प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर कांग्रेस का हाथ पकड़ने की पहल की है। शुक्रवार को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक के बाद राज्यसभा के लिए होनेवाले चुनाव में पांचवीं सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को समर्थन करने की घोषणा कर दी। हालांकि माकपा चाहती थी कि पांचवीं सीट पर किसी गैर राजनीतिक व्यक्ति पर सहमति बने। इसे लेकर कांग्रेस और माकपा में बातचीत भी शुरू हुई थी। इसी बीच कांग्रेस हाईकमान की ओर से ममता से बात की गई और पांचवीं सीट के लिए पश्चिम बंगाल से अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।

इसके बाद माकपा ने भी पांचवीं सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राबिन देव को उम्मीदवार घोषित कर दिया। वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने स्वीकार किया कि पांचवीं सीट पर किसी गैर राजनीतिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने के लिए कांग्रेस से बातचीत चल रही थी, लेकिन कांग्रेस ने एकतरफा उम्मीदवार घोषित कर दिया। पश्चिम बंगाल में माकपा की सांगठनिक स्थिति खराब होने के बावजूद वह अभी भी खुद को मुख्य विरोधी शक्ति मानती है।

हालांकि आधिकारिक तौर पर राज्य में कांग्रेस 36 विधायकों के साथ मुख्य विरोधी दल है। कांग्रेस के लगभग आधा दर्जन विधायक तृणमूल में शामिल हो गए हैं। 212 विधायकों के साथ सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस अपने चार उम्मीदवारों को जिताने के बाद शेष जो वोट बचेगा वह कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को देगी। इससे सिंघवी का पश्चिम बंगाल से राज्यसभा पहुंचना तय माना जा रहा है। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 46-47 वोटों की जरूरत पड़ेगी। ममता ने राज्यसभा के लिए जिन चार उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें नदीमुल हक, सुभाष चक्रवर्ती, अबीर विश्वास और डॉ. शांतनु सेन शामिल हैं। नदीमुल हक दूसरी बार राज्यसभा जा सकते हैं। तीन नए चेहरे को ममता ने तरजीह दी है।

कांग्रेस को माकपा से दूर करने की चाल

कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को समर्थन करने की पेशकश की थी, लेकिन माकपा तैयार नहीं हुई। इस बार भी प्रकाश करात गुट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस के साथ कोई तालमेल नहीं होगा। इसके बावजूद माकपा पांचवीं सीट पर किसी विशिष्ट व्यक्ति के नाम पर सहमति बनाने के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत कर रही थी, लेकिन ममता ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। माना जा रहा है कि भाजपा को रोकने के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ने के उद्देश्य से ही ममता ने पांचवीं सीट पर अभिषेक मनु सिंघवी को समर्थन दिया है।