नई दिल्ली 20 जून को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति, अत्यंत पिछड़े और अन्य पिछड़े वर्ग का आरक्षण 65 फीसदी तक बढ़ाने वाले कानून को रद्द कर दिया था। पटना हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था।
बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने कुछ समय पहले ही बिहार सरकार के नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को बढ़ाने के फैसले पर रोक लगा दी थी। अब इस फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने भी इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अब सितंबर में सुनवाई करेगा।
20 जून को पटना हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
20 जून को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति, अत्यंत पिछड़े और अन्य पिछड़े वर्ग का आरक्षण 65 फीसदी तक बढ़ाने वाले कानून को रद्द कर दिया था। पटना हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। यानी अब शिक्षण संस्थानों व सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अत्यंत पिछड़े और अन्य पिछड़े वर्ग को 65 आरक्षण नहीं मिलेगा। 50 प्रतिशत आरक्षण वाली पुरानी व्यवस्था ही लागू हो गई।