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बसंतकालीन गन्ना विकास गोष्ठी में दी गयी वैज्ञानिक विधि से खेती की जानकारी

कुशीनगर।बिरला सुगर मिल्स ढाढा चीनी मिल क्षेत्र के हेतिमपुर परिक्षेत्र के ग्राम रामपुर जगदीश में
बसंतकालीन गन्ना विकास गोष्ठी में अधिकारियों ने किसानों को गन्ने की खेती में सावधानी बरतने व बीज, भूमि शोधन के साथ वैज्ञानिक विधि से खेती के तरीके बताए।गुरुवार को आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए अधिशासी अधिकारी करन सिंह ने किसानों व चीनी मिल प्रबंधन में आपसी सहयोग पर बल देते हुए कहा कि सही तरीके से गन्ने की खेती कर दोगुना लाभ लिया जा सकता है। इसके लिए किसान सतर्कता बरतते हुए बीज का चयन करें औऱ खेतों में प्रमाणित बीज बोयें। उपाध्यक्ष गन्ना सुरेंद्र उपाध्याय
ने कहा कि गन्ना बीज के महत्व को समझे, प्रामाणिक बीज ही बोयें। खड़े खेत से लेते समय काटकर देखें अलग अलग। लाल मिलने पर उसे न बोयें। एक एक आंख का टुकड़ा काटें। हेक्सास्टाप दवाई से बीज व भूमि उपचार करें। फंगीसाइट दवा से जमीन का उपचार करें। जुताई के समय ब्लीचिंग पावडर डालें।उसके बाद गन्ने की बुआई करें व नालियों में ट्राइकोडर्मा डालें। यह रेड राट को रोकता है।
उपप्रबंधक गन्ना गया शंकर शर्मा ने कहा कि सही पोषण से ही पैदवार बढ़ेगी।प्रति एकड़ 400 कुंतल तक उपज मिलने से किसान लाभान्वित होंगे। अधिकारियों ने किसानों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। और बताया कि 17 फरवरी तक गन्ना मूल्य का भुगतान मिल ने दे दिया है। आभार पारस नाथ पाण्डेय ने व्यक्त किये। इस दौरान प्रगतिशील किसान झब्बरलाल पाण्डेय, लाल बिहारी तिवारी, श्रीराम, अमला यादव, उदयभान सहित सौ किसानों के अलावा सत्यप्रकाश, अभिषेक, राजेश, विकास, हेमंत आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।