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बच्चे की सांस की नली से निकाला ‘रैटल स्नेक एग’

operationलखनऊ। एक बच्चे ने खेल-खेल में ‘रैटल स्नेक एग’ निगल लिया। यह उसकी सांस की बाईं नली में जाकर फंस गया। इससे बच्चे की सांसें रुकने लगीं और सीने में पानी भर गया। तकलीफ बढ़ने पर घरवाले बच्चे को केजीएमयू के कार्डियोवैस्कुलर ऐंड थोरेसिक सर्जरी डिपार्टमेंट (सीवीटीएस) लाए, जहां डॉक्टरों ने सर्जरी कर रैटल स्नेक एग सांस की नली से निकाला।

‘रैटल स्नेक एग’ सिलिंडर के आकार की मैग्नेटिक गेंदों का जोड़ा होता है। हर गेंद की लंबाई अमूमन 4.5 सेमी, चौड़ाई एक सेमी और वजन करीब 35 ग्राम होता है। इन दिनों यह छोटे बच्चों का पसंदीदा खेल है। एक सप्ताह पहले बहराइच के रहने वाले आठ साल के तुषार ने यही गेंद खेल-खेल में निगल लिया था। डर के मारे उसने घर में किसी को नहीं बताया। बुधवार सुबह अचानक उसकी सांस अटकने लगी और सीने में पानी भर गया, तब घरवालों को पता चला। आनन-फानन में वे उसे केजीएमयू लाए।

सीवीटीएस विभाग के प्रो. शैलेंद्र ने बताया कि स्नेक एग बहुत फिसलता है। यह बच्चे के गले के नीचे जाकर बाईं सांस की नली में फंस गया था। पहले इसे दूरबीन से निकालने की कोशिश की गई, लेकिन चिकना होने के कारण नहीं निकाला जा सका। मजबूरी में सर्जरी करनी पड़ी। फिलहाल बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है।