नई दिल्ली। एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित पंचायत चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वोट डाले जा रहे हैं. अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में सोमवार को होने वाला पंचायत चुनाव अंतिम बड़ा चुनाव है. मतदान शाम 5 बजे समाप्त होगा, जबकि मतगणना 17 मई को होगी.
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सुबह 8 बजे: उत्तर बंगाल के कई हिस्सा में भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते वहां वोटिंग शुरू नहीं हो पाई है.
आसनसोल में बमबारी
आसनसोल जिले के रानीगंज में बांसरा इलाके से बमबारी की खबर है. यहां वोटिंग शुरू होने से पहले ही बम विस्फोट की घटना हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि, ये किसकी हरकत है इसका अभी पता नहीं लग पाया है.
एक चरण में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए तीव्र प्रचार अभियान चला. चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, कांग्रेस और वाममोर्चा के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए.
ममता ने नहीं किया प्रचार
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नामांकन प्रक्रिया के दौरान हिंसा की. तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि विपक्ष का कोई जनाधार नहीं है और वह चुनाव से बचने का प्रयास कर रहे थे. सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने इस चुनाव में प्रचार किया. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रचार नहीं किया. उन्होंने लोगों से अपनी सरकार के विकास कार्यों के समर्थन में वोट करने की अपील की.
पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार कल 621 जिला परिषदों , 6,157 पंचायत समितियों और 31827 ग्राम पंचायतों में चुनाव हो रहे हैं. चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं और असम, ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश से लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
सुरक्षा बलों ने सुरक्षा प्रबंधों के तहत राज्य के विभिन्न भागों में आज मार्च निकाला. इस बार पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार, सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी भाजपा, कांग्रेस तथा वाममोर्चा के बीच एक अभूतपूर्व कानूनी लड़ाई देखने को मिली.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
बंगाल में काफी विवाद के बाद पंचायत चुनाव हो रहे हैं. सत्ताधारी टीएमसी पर दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन से रोकने के आरोप लगने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपने आदेश में कहा था कि राज्य चुनाव आयोग ऐसे उम्मीदवारों को विजयी घोषित न करे, जहां किसी और पार्टी के उम्मीदवार नामांकन न कर पाए हों. बता दें कि टीएमसी के ऐसे करीब 18 हजार उम्मीदवार हैं.