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पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी, हाड़ कंपाने वाली ठंड, कोहरे और सर्दी के सितम से जनजीवन हुआ प्रभावित

उत्तर और मध्य भारत के अलावा देश के कुछ पूर्वी हिस्सों में आज भी कोहरे की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता का स्तर कम हो गया। इसके अलावा पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। इस समय पूरे उत्तर भारत में लोगों को हाड़ कंपाने वाली ठंड का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कम दृश्यता के चलते कई ट्रेनें भी रद्द की गयी हैं और कई विलंब से चल रही हैं। आईएमडी के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के अलग-अलग हिस्सों में सुबह के समय बहुत घना कोहरा छाया रहा।

इसके अलावा, कश्मीर घाटी में लोगों को शुष्क मौसम और शीत लहर की स्थिति से कोई राहत नहीं मिली क्योंकि न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे रहा। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से नीचे 6.2 डिग्री सेल्सियस था। उत्तरी कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.8 डिग्री सेल्सियस, काजीगुंड में शून्य से नीचे 4.6 डिग्री सेल्सियस, कोकेरनाग शहर में शून्य से नीचे 3.2 डिग्री सेल्सियस जबकि कुपवाड़ा में शून्य से नीचे 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हम आपको बता दें कि कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है। यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है। इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है, जिससे प्रसिद्ध डल झील सहित जलाशय में पानी जम जाता है। घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है। चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा। ‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा। इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (कम ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है। इस दौरान शीत लहर जारी रहती है।