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बंगाल में कांग्रेस को 2 सीट देना चाहती है टीएमसी भड़के अधीर रंजन चौधरी बोले ममता बनर्जी गठबंधन चाहते ही नहीं है

28 विपक्षी दलों की गठबंधन इंडिया में खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इंडिया गठबंधन में लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर तकरार साफ तौर पर दिखाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के समक्ष दो सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। इसके बाद से कांग्रेस ममता बनर्जी की पार्टी पर हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीधे तौर पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि ममता बनर्जी गठबंधन चाहते ही नहीं वह तो नरेंद्र मोदी की सेवा में लगी हुई है।

आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन में न सिर्फ पश्चिम बंगाल बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली जैसे राज्यों में भी सीट बंटवारे को लेकर तकरार देखने को मिल रहा है। ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पता नहीं किसने ममता से भीख मांगी है। हमने तो ममता बनर्जी से कोई भीख नहीं मांगी है। ममता खुद ही कह रही हैं कि वह गठबंधन चाहती है। हमें ममता की कोई जरूरत नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी गठबंधन नहीं चाहती है वह तो मोदी की सेवा में लगी हुई है।

गौरतलब है कि गठबंधन की शुरुआती दौर में ममता बनर्जी ने कहा था कि जिन राज्यों में जो पार्टी ज्यादा मजबूत है, उसे वहां चुनाव के दौरान आगे रहने दिया जाना चाहिए। वह अपने इस बयान के जरिए कांग्रेस को साफ संदेश देना चाहती थीं क्योंकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पूरी तरीके से मजबूत है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उसे सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सबसे पुरानी पार्टी को 5.67 प्रतिशत ही वोट मिल पाए थे। यही कारण है कि ममता बनर्जी पूरी तरीके से कांग्रेस को राज्य में बहुत ज्यादा सीट देने के पक्ष में नहीं है।

 

हालांकि ममता बनर्जी ने 19 दिसंबर को हुए इंडिया एलाइंस की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया ब्लॉक का पीएम फेस बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था जिसे अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन दिया। हालांकि खड़गे ने इस प्रस्ताव पर कहा कि हमें पीएम नहीं बल्कि एमपी के बारे में सोचना चाहिए। अगर एमपी जीत कर आएंगे। तभी हम में से कोई पीएम बन सकता है। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे दलित समुदाय से आते हैं। ऐसे में कई सीटों पर वह प्रभाव डाल सकते हैं।