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पहली बार वैज्ञानिकों ने जारी किए ‘सबूत’, कहा- ‘चीन ने लैब में बनाया कोरोना’

डर से अमेरिका भाग चुकीं चीनी वैज्ञानिक ने दावा किया था कि कोरोना वायरस चीन की लैब में तैयार किया गया. अब उसी वैज्ञानिक ने तीन और रिसर्चर्स के साथ मिलकर ‘सबूत’ पेश कर दिया है. डॉक्टर ली मेन्ग यान नाम की वैज्ञानिक ने इससे पहले एक इंटरव्यू में दावा किया था कि उनके पास सबूत है. हालांकि, चीन सरकार लगातार ऐसी थ्योरी को खारिज करती आई है.

Li-Meng Yan

हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी में काम करने के दौरान ली मेन्ग यान कोरोना पर रिसर्च करने वाली शुरुआती वैज्ञानिकों में शामिल थीं. उन्होंने ओपन एक्सेस रिपोजिटरी वेबसाइट Zenodo पर वायरस से जुड़ा सबूत प्रकाशित किया है. उन्होंने तीन और रिसर्चर्स के साथ मिलकर ये काम किया है.

Corona

ली मेन्ग यान ने इससे पहले कहा था कि कोरोना लैब में बनाया गया, इसे समझने के लिए साइंटिस्ट होने की जरूरत नहीं है. कोरोना वायरस के Genome के असामान्य फीचर से पता चलता है कि इसे लैब में तैयार किया गया, न कि यह प्राकृतिक तौर से इंसानों में आया.

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ली मेन्ग यान ने कहा है कि नेचुरल तौर से वायरस के फैलने की थ्योरी लोग स्वीकार कर चुके हैं, लेकिन इस थ्योरी के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. दूसरी थ्योरी है कि वायरस चीन की लैब से बाहर आया. वैज्ञानिक का कहना है कि कोरोना वायरस के बायोलॉजिकल गुण, प्राकृतिक तौर से पाए जाने वाले वायरस की तरह नहीं हैं.

Xi Jinping

ली मेन्ग यान ने रिपोर्ट में जीनोमिक, स्ट्रक्चरल, मेडिकल, लिटरेचर पर आधारित सबूत पेश किए हैं. उन्होंने कहा है कि इन सारी बातों को अगर एक साथ करके देखें तो यह मूल थ्योरी का खंडन करती कि वायरस प्रकृति से इंसानों में आया.

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ली मेन्ग यान का कहना है कि सबूत बताते हैं कि बैट कोरोना वायरस ZC45 या ZXC21 के टेंपलेट पर इस वायरस को लैब में तैयार किया गया. उन्होंने कहा कि करीब 6 महीने में लैब में इस तरह के वायरस को तैयार किया जा सकता है. वैज्ञानिक ने कहा है कि उनकी रिपोर्ट ये मांग करती है कि संबंधित लैब की स्वतंत्र रूप से जांच की जाए.