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नीतीश कुमार मुझे अनुमति दें, एक घंटे में अश्विनी चौबे के बेटे को घसीटकर प्रशासन को सौंप दूंगा: तेजस्वी यादव

पटना। भागलपुर में दंगा भड़काने के आरोप में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत के बहाने लालू प्रसाद के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार पर हमले बोल रहे हैं. अरिजित शाश्वत के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने के मामले पर तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार से गिरफ्तार करने की अनुमित की मांग की है. बता दें कि इससे पहले अश्विनी चौबे ने कहा था कि उनके बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया है और एफआईआर कागज का टूकड़ा है.

तेजस्वी यादव ने ट्वीट के जरिये नीतीश कुमार को कहा कि ‘ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार सिपाही के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के दंगा आरोपित फ़रार बेटे को पकड़ने की मुझे प्रशासनिक अनुमति दें. एक घंटे में घसीटकर नीतीश कुमार के नकारा प्रशासन को सौंप दूंगा. मेरा दावा है. लटर-पटर से शासन नहीं चलता. दंगा रोकने के लिए कलेजा होना चाहिए.’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार सिपाही के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के दंगा आरोपित फ़रार बेटे को पकड़ने की मुझे प्रशासनिक अनुमति दें।

एक घंटे में घसीटकर नीतीश कुमार के नकारा प्रशासन को सौंप दूँगा।

मेरा दावा है।

लटर-पटर से शासन नहीं चलता। दंगा रोकने के लिए कलेजा होना चाहिए।

इससे पहले बेटे के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बचाव में कहा कि उनके बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘सही कहा है कि उसने. जो भगोड़ा होता है वो भागता है, उसने कोई गलत काम नहीं किया है. भारत माता की जयकार और वंदे मातरम किया है उसने, जय श्रीराम कहा है. क्या इस देश के अंदर ये अपराध है, अगर ये अपराध तो वो अपराधी हो सकता है.’ उन्‍होंने कहा कि एफआईआर कुछ नहीं है. वह एक कूड़ा है जो कुछ भ्रष्‍ट अफसरों ने दर्ज की है. मेरे बेटे ने कोई गलती नहीं की है.

बीते 17 मार्च को भागलपुर में प्रशासन की इजाजत के बगैर झांकी निकालने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में अरिजित को नामजद किया गया है. अरिजित के पिता अश्विनी कुमार चौबे भाजपा के नेता और केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं.

हिंदू नव वर्ष की पूर्वसंध्या पर भारतीय नव वर्ष जागरण समिति की ओर से झांकी निकाली गई थी. इससे जिले के नाथनगर पुलिस थाना क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव कायम हो गया था. इस घटना में दो पुलिसकर्मी सहित कुछ अन्य लोग जख्मी हो गए थे. भागलपुर की घटना पर विरोध जताते हुए विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने पिछले हफ्ते बिहार विधानसभा की कार्यवाही ठप कर दी थी. दोनों पार्टियों ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की थी.