Breaking News

नवाज शरीफ ने की भारत की तारीफ, बोले-हमारे आसपास के देश चांद पर पहुंच गए हैं, लेकिन पाकिस्तान अब भी जमीन से नहीं उठा है

इस्लामाबाद इस्लामाबाद में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के कार्यकर्ताओं से नवाज शरीफ ने कहा कि साल 2013 में देश बिजली की भारी लोड शेडिंग का सामना कर रहा था। तब हमने आकर इसे खत्म किया।

पाकिस्तान की आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं है। आए दिन किसी न किसी देश के सामने मदद के लिए हाथ फैला पड़ता है। इस बीच, यहां के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि हमारे आसपास के देश चांद पर पहुंच गए हैं, लेकिन पाकिस्तान अब भी जमीन से नहीं उठा है।

नवाज शरीफ बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
देश पतन के लिए खुद जिम्मेदार
उन्होंने देश की गंभीर आर्थिक स्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘हमारे पड़ोसी चांद पर पहुंच गए हैं, लेकिन हम अब तक जमीन से उठ भी नहीं पाए हैं। यह इस तरह से नहीं चल सकता। हम अपने पतन के लिए खुद जिम्मेदार रहे हैं, अन्यथा यह देश एक अलग जगह पर पहुंच गया होता।’

यह सब विकास किए गए
शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2013 में देश बिजली की भारी लोड शेडिंग का सामना कर रहा था। तब हमने आकर इसे खत्म किया। पूरे देश से आतंकवाद को खत्म किया। इसके अलावा कराची की शांति बहाल की, राजमार्गों का निर्माण हुआ, सीपीईसी आया और विकास एवं समृद्धि का एक नया युग शुरू हुआ।

तीन बार सत्ता से बाहर
रिपोर्ट के अनुसार, नवाज शरीफ को तीन बार (1993, 1999 और 2017 में) सत्ता से बाहर किया गया था।

इस्लामाबाद में महंगाई बढ़ी
पाकिस्तान में मौजूदा संकट के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए इस पर शरीफ ने  कहा, ‘हमने खुद को अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है। 2014 में हमारी सरकार के दौरान महंगाई कम थी और आबपारा में दो पाकिस्तानी रुपये में एक रोटी मिलती थी, जो अब 30 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई है।’

फर्जी मामले दर्ज
उन्होंने दावा किया कि उनके, मरियम और पीएमएल-एन के अन्य नेताओं के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए गए हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने केवल तीन सुनवाइयों में दो मामलों में दोषसिद्धि को रद्द कर दिया था।

महिलाओं की भागीदारी जरूरी
उन्होंने कहा कि अगर देश विकसित होना चाहता है तो वह महिलाओं के विकास को प्राथमिकता दे। उन्हें लगता है कि महिलाओं को विकास के लिए बराबर की भागीदार बनना होगा, महिलाओं को भी आगे बढ़कर पुरुषों के साथ इस देश की सेवा में काम करना होगा।