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ट्रैक्टर परेड में हिंसा से बैकफुट पर किसान संगठन, 1 फरवरी को संसद मार्च स्थगित

नई दिल्ली। ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठन बैकफुट पर हैं. किसान संगठन ने 1 फरवरी को प्रस्तावित संसद मार्च स्थगित करने का ऐलान किया है. बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता बलबीर राजेवाल ने संसद मार्च स्थगित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अगला कार्यक्रम अगली मीटिंग में तय किया जाएगा.

किसान नेता राजेवाल ने सरकार पर साजिश के तहत आंदोलन तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाते हुए दावा किया कि किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया है. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर परेड के लिए हमने पांच रूट तैयार किए थे. इसे बदनाम करने के लिए एक ने पहले दिल्ली के अंदर प्रवेश करने का ऐलान किया और यह भी तय किया कि हम लाल किला जाएंगे.

उन्होंने कहा कि जहां से बोला गया था, पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया. बोल दिया कि सीधा जाओ. दिल्ली की तरफ जाओ. साजिश के तहत कुछ उपद्रवी वहां गए. राजेवाल ने कहा कि दीप सिद्धू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंट, नरेंद्र मोदी और अमित शाह का खास है. हम लोग खाने के लिए भी गए तो किसी पुलिसकर्मी ने कुछ भी नहीं कहा. हमारी भावनाएं आहत हुई हैं.

राजेवाल ने कहा कि हम जिम्मेदार लोग हैं. अगर देशवासियों को दुख पहुंचे तो हम खेद व्यक्त करते हैं. उन्होंने साथ ही 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन जनसभाएं करने और एक दिन के अनशन का भी ऐलान किया. वहीं योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने कल ही बयान देकर इस घटना की निंदा की थी और अपने आपको इससे अलग कर लिया था.

योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने कल ही कहा था कि सभी लोग अपने गंतव्य पर पहुंच जाएं और ट्रैक्टर मार्च वापस लौट आया. इस घटना में दीप सिद्धू और पंजाब मजदूर किसान संघर्ष समिति का हाथ है. हमने उसका पर्दाफाश किया है. दीप सिद्धू की सनी देओल से लेकर प्रधानमंत्री तक के साथ फोटो है. उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू का सामाजिक बहिष्कार हो. इस देश के लाल किले में जाकर तिरंगे के अलावा कोई और झंडा फहराने की किसी को अनुमति नहीं है. देश के किसान यह कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि मजदूर किसान संघर्ष समिति के बारे में सबको पता है. हमारे आंदोलन के 13 दिन बाद उनको एक स्पेशल जगह दी जाती है. इसका पर्दाफाश इस बात से होता है कि 25 तारीख को जो वीडियो जारी करके बोल चुका था कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा की बात नहीं मानूंगा मैं रिंग रोड पर जाऊंगा, उसको ऐसा करने का मौका क्यों दिया गया.