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जेठमलानी ने गवर्नर वजूभाई वाला के फैसले को दी चुनौती, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा

नई दिल्‍ली। पूर्व कानून मंत्री और वरिष्‍ठ वकील राम जेठमलानी ने कर्नाटक के गवर्नर वजूभाई वाला के बीजेपी को चुनाव में मात्र 104 सीटें जीतने के बाद भी राज्‍य में बीएस येदियुरप्‍पा को सरकार बनाने का न्‍योता देने के फैसले को चुनौती दी है. शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पहले कर्नाटक में बीजेपी का बहुमत साबित होगा और राज्‍यपाल के फैसले पर सुनवाई बाद में होगी. बेंच ने जेठमलानी की याचिका पर कहा कि राज्‍यपाल के विवेकाधिकार के मुद्दे पर फैसला बाद में होगा. कोर्ट ने कहा कि राज्‍यपाल एक सर्वोच्च संवैधानिक संस्था है और उनके विवेकाधिकार का मुद्दा न्यायिक समीक्षा के दायरे में आएगा. इस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 हफ्ते बाद की तारीय तय की है क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार से ग्रीष्‍मकालीन अवकाश शुरू हो गया है.

जेठमलानी ने गवर्नर के फैसले को असंवैधानिक बताया है
जेठमलानी
 ने अपनी याचिका में राज्यपाल के फैसले को ‘संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग’ बताया है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया था और उसे तीन सदस्यीय विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए नियत किया था. न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि वह न्यायमूर्ति एके सीकरी की अगुवाई वाली 3 सदस्यीय पीठ के सामने 18 मई को अपनी याचिका रखें जब कांग्रेस और जेडीएस की याचिकाओं पर सुनवाई होगी.

 

केयरटेकर सीएम का मुद्दा भी उठा
कांग्रेस नेता व वरिष्‍ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएम बीएस येदियुरप्‍पा के नीतिगत फैसले लेने में रोक लगाई है. कांग्रेस ने कोर्ट से मांग की थी कि जब तक येदियुरप्‍पा अपना बहुमत न साबित कर लें तब तक उनको बड़े फैसला लेने से रोका जाए.

 

 

येदियुरप्‍पा ने गुरुवार को शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद ही किसानों की कर्ज माफी का फैसला जारी कर दिया था, जिसका विरोध विपक्षी दलों ने किया था. उन्‍होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्‍लंघन बताया था.