नई दिल्ली। दिल्ली के IAS अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एलजी दफ्तर में धरना जारी है. वहीं IAS एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया है कि दिल्ली में आईएएस अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं. वो रोज़ाना नियमित रूप से दफ्तर आ रहे हैं और अपना काम कर रहे हैं.
IAS एसोसिएशन की मनीषा सक्सेना ने बताया कि दिल्ली में आईएएस अधिकारियों के हड़ताल की खबर बिल्कुल झूठी और निराधार है. हम सरकार की बैठक में शामिल हो रहे हैं. सभी विभाग अपना काम कर रहे हैं. हममें से कुछ अधिकारी तो छुट्टियों में भी काम कर रहे हैं.
सुरक्षा और आत्मसम्मान सबसे पहले
हालांकि आईएएस असोसिएशन ने यह स्वीकार किया कि अधिकारी रुटीन मीटिंग में नहीं जाते हैं. एसोसिएशन की ओर से कहा गया, हम जिन मीटिंग में सेफ फील नहीं करते वहां नहीं जाते हैं. सुरक्षा और आत्मसम्मान सबसे पहले आता है, नियम-कायदे बाद में. एसोसिएशन के मुताबिक मीटिंग में जाने के लिए महिला आईएएस अफसर सुरक्षा मांगती हैं. लेकिन हम मीटिंग की गोपनीयता को देखते हुए सुरक्षागार्ड के साथ नहीं जा सकते हैं.
आईएएस असोसिएशन ने कहा कि मीटिंग में कैमरा लगा होने से सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल सकती, सोच और व्यवहार बदलने की जरूरत है. चीफ सेक्रटरी के साथ जो हुआ उसके बाद सरकार की ओर से कोई हमतक नहीं पहुंचा.मुख्यमंत्री हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें, ये हमारी प्रार्थना है. आईएएस अधिकारी वर्षा जोशी ने कहा, ‘हम डरे हुए हैं और पीड़ित महसूस कर रहे हैं. हमें राजनीतिक कारणों से इस्तेमाल किया जा रहा. हमें हमारा काम करने दें.
ये हैं केजरीवाल की 3 मांगें-
– एलजी खुद IAS अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराएं, क्योंकि वो सर्विस विभाग के मुखिया हैं.
– काम रोकने वाले IAS अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें.
– राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें.