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चीन से बढ़ेगा ‘मेलजोल’, इस साल तीन बार और मिल सकते हैं मोदी-शी जिनपिंग

नई दिल्ली। भारत और चीन के रिश्तों पर पड़ी बर्फ पिघलती दिख रही है. बीते दिनों वुहान में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात हुई थी. दोनों नेताओं के पास इस साल 3 और मुलाकातें करने का मौका होगा. इन मुलाकातों के जरिए भारत और चीन के बीच तमाम द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. भारत में चीन के राजदूत लुओ झाउहुई ने यह जानकारी दी है.

दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लुओ ने कहा कि वुहान में हुई वार्ता के दौरान दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ द्विपक्षीय, रणनीतिक और लंबित मुद्दों पर सहमति बनी है. वुहान की इस वार्ता को 73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की प्रक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है.

कार्यक्रम में संबोधन के दौरान चीनी राजदूत ने बताया कि वुहान की मुलाकात काफी खास थी और यह पहला मौका था जब चीनी राष्ट्रपति ने किसी विदेशी नेता की राजधानी से बाहर आकर दो-दो आगवानी की हो. वुहान से पहले 2015 में जिनपिंग शियान में पीएम मोदी की आगवानी करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा यह दर्शाता है कि भारत के साथ रिश्तों को चीन कितना महत्व देता है.

चीनी राजदूत ने बताया कि जब पीएम मोदी और शी जिनपिंग शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर अस्ताना में मिले थे तब पीएम मोदी की ओर से पहली बार अनौपचारिक समिट का प्रस्ताव रखा गया था. इसके बाद दोनों मुल्कों की ओर से इस वार्ता लिए काफी मेहमत की गई. उन्होंने कहा कि अभी दोनों नेताओं के पास 3 और ऐसे मौके हैं जब उनकी मुलाकात हो सकती है.

राजदूत ने कहा कि चीन के किंगदाओं में जून में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में फिर से दोनों नेताओं की मुलाकात मुमकिन है. इसके अलावा जोहान्सबर्ग की ब्रिक्स समिट और अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में होने वाली जी-20 की बैठक में दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अधिकारी इन मुलाकातों पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं.