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चन्दौली में बोले सीएम योगी, संतों और योगियों की भूमिका समाज को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रेरित करना है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी संत, महात्मा या योगी कभी भी सत्ता का भूखा नहीं हो सकता। यूपी के चंदौली में एक सार्वजनिक समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों और योगियों की भूमिका समाज को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रेरित करना है, क्योंकि उनकी सभी उपलब्धियां और ध्यान राष्ट्रीय और सामाजिक हित में हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि साधु-संन्यासियों की सारी उपलब्धियां और साधनाएं राष्ट्रहित, समाजहित और मानव कल्याण में निहित होती हैं। यही आदर्श आज से 425 वर्ष पूर्व बाबा कीनाराम ने दिव्य साधना के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किये थे।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश गुलाम बन गया क्योंकि विदेशी आक्रमणकारी देश और समाज को विभाजित करने में सफल रहे। संत कीनाराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एक कुलीन परिवार में उनका जन्म हुआ। साधना के माध्यम से उन्होंने सिद्धि प्राप्त की। सिद्धि प्राप्त करने के बाद अक्सर होता है कि व्यक्ति मद में कुछ नहीं देखता, किसी को कुछ नहीं समझता। लेकिन, बाबा ने अपनी साधना व सिद्धि का उपयोग राष्ट्र व लोक कल्याण के लिए किया।

योगी ने कहा,‘‘ एक तरफ उन्होंने दलितों को आदिवासियों को और समाज के विभिन्न तबकों को जोड़ने का काम किया। बिना भेदभाव के एक ऐसे समाज की उन्होंने अलख जगाई, जो किसी संत, अघोराचार्य या योगी के द्वारा ही संभव था।’’ मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बाबा कीनाराम की जीवन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उच्च कुलीन परिवार जन्म लेने के बाद भी उन्होंने बड़ी संख्या में जनजातियों व यहां के रहवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए।