लखनऊ। बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नेशनल कोर्डिनेटर जय प्रकाश सिंह को पद से हटाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं से साफ-साफ कहा है कि जब तक आला कमान की तरफ से ना बोला जाए, तब तक पार्टी के नेता गठबंधन को लेकर किसी भी तरह की बयानबाजी करने से बचें. अगले कुछ महीनों में और 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. तीनों राज्यों में वर्तमान में बीजेपी सरकार है. कांग्रेस के लिए ये तीनों चुनाव बेहद अहम हैं. कांग्रेस को 2019 में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा.
दूसरी तरफ, बसपा राष्ट्रीय स्तर की पार्टी होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य जगहों पर सिमटती जा रही है. ऐसे में पार्टी बसपा को मिले राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन सकता है. ऐसी अटकलें हैं कि इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में बसपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि, अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
In Uttar Pradesh & in other states as well, until an alliance with a party is announced, members of the Bahujan Samaj Party should refrain from speaking anything about alliance at any level. They should leave it to the High Command: BSP Chief Maywati pic.twitter.com/fUutQrqoKy
— ANI UP (@ANINewsUP) 17 July 2018
अगर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बसपा का गठबंधन होता है तो इसका असर 2019 लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा. लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा फिलहाल गठबंधन में लड़ने का फैसला किया है. हालांकि, सीटों को लेकर अभी तक बंटवारा नहीं हुआ है. कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा होगी या नहीं यह आने वाले वक्त में पता चलेगा. कुल मिलाकर परिस्थिति ऐसी है कि सभी पार्टी के सुप्रीम नेता गठबंधन को लेकर पशोपेश की स्थिति में हैं.
ऐसे में आला कमान की मंजूरी के बिना इस तरह की बयानबाजी से पार्टी सुप्रीमों के लिए स्थिति गंभीर हो जाती है. शायद इन्ही वजहों को ध्यान में रखते हुए मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे फिलहाल गठबंधन को लेकर कुछ भी बोलन से बचें. उन्होंने साफ-साफ कहा है कि गठबंधन को लेकर जो फैसला लिया जाएगा और पार्टी की तरफ से जो बयान जारी किए जाएंगे वह सोच समझकर जारी किए जाएंगे.
बता दें, बसपा कोर्डिनेटरों की बैठक 16 जुलाई को हुई थी. इसी बैठक में अपने संबोधन के दौरान नेशनल कोर्डिनेटर जय प्रकाश सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर निजी टिप्पणी कर दी थी. उन्होंने कहा था कि ‘राहुल गांधी अपने पिता से अधिक अपनी मां जैसे दिखते हैं और सोनिया जी विदेशी मूल की हैं. इसलिए, राहुल जी कभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं.’ उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा वक्त की मांग है कि मायावती प्रधानमंत्री बनें. मायावती दबंग नेता हैं और वो ही पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से टक्कर ले सकती हैं.
I came to know about BSP national coordinator Jai Prakash Singh’s speech in which he spoke against ideology of BSP & also made personal remarks against leadership of rival parties. It’s his personal opinion. So,he has been removed from his post with immediate effect: Mayawati pic.twitter.com/oZXIkdQvJT
— ANI UP (@ANINewsUP) 17 July 2018
जय प्रकाश सिंह के बयान के ठीक अगले दिन मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में जब तक पार्टी किसी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं करती है, तब तक पार्टी के नेताओं को आदेश दिया गया है कि वो किसी भी स्तर पर गठबंधन के बारे में कुछ न बोलें. उन्हें ये बात हाईकमान के ऊपर छोड़ देनी चाहिए. मामले की गंभीरता को देखते हुए मायवती ने तुरंत कार्रवाई की और उन्हें पार्टी के पद से हटाने की घोषणा कर दी.