Breaking News

‘गंगा मइया के बुलावे’ पर काशी आए थे मोदी, जानें 3 साल में कितना कर सके विकास

वाराणसी/नई दिल्ली। तीन साल पहले जब नरेंद्र मोदी वाराणसी चुनाव लड़ने के लिए गए थे, तब कहा था,”गंगा मइया ने मुझे बुलाया है.” धार्मिक नगरी काशी की सरजमीं से नरेंद्र मोदी को प्रचंड जीत मिली और वो देश के प्रधानमंत्री बने. मोदी के सत्ता में आए हुए तीन साल गुजर चुके हैं और अब तो सूबे में भी उनकी ही पार्टी की सरकार है. मोदी वाराणसी में विकास के जरिए नई पहचान देने में लगातार जुटे हैं. पिछले तीन सालों में करीब 35 हजार करोड़ की योजनाओं का सौगात दे चुके हैं. शुक्रवार और शनिवार को मोदी वाराणसी के दौरे पर हैं और वो इस दौरान कई परियोजनाओं का आगाज भी करेंगे.

नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को नया मुकाम देने के लिए पिछले तीन साल से लगातार कोशिश कर रहे हैं. रिंग रोड हो या फिर फोर लेन रोड या फिर आईपीडीएस सिस्टम के जरिए संसदीय क्षेत्र वाराणसी को हाईटेक बनाने की कवायद की जा रही है.

मोदी वाराणसी में 22 घंटे तक रुकेंगे. इस दौरान पीएम काशी की जनता को करीब 17 योजनाओं सहित 846.50 करोड़ की सौगात देंगे. इसके अलावा वाराणसी से वड़ोदरा के बीच चलने वाली नई ट्रेन का शुभारंभ करेंगे.

मोदी ने काशी की विरासत को सहेजने की दिशा में कई बेहतर कदम उठाए हैं. उन्होंने जहां हृदय और प्रसाद योजना के तहत विरासतों को भी सहेजा जा रहा है. वाराणसी में 964 करोड़ रुपये में मेट्रो जैसी करीब 2291 करोड़ रुपये से सिटी को स्मार्ट बनाने की कोशिश चल रही है. 630 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट से शहर तक की फोरलेन सड़क, 270 करोड़ की लागत से रोड का कार्य जारी, 2600 करोड़ रुपये की लागत से बनारस से जौनपुर, मऊ और आजमगढ़ जाने वाले मार्ग का विस्तार किया जा रहा है.

तीन साल में करीब 35 हजार करोड़ की सौगात

वाराणसी की जनता ने जिस उम्मीद के साथ मोदी को अपना सांसद बनाया था, उस पर पीएम खरे उतरते हुए नजर आ रहे हैं. वाराणसी में विभिन्न योजनाओं का आगाज हो चुका है. चाहे वो रिंग रोड, फोर लेन रोड, अंडरग्राउंड बिजली का काम या फिर एलईडी लाइट हो सभी पर जोर शोर से काम चल रहा है. वाराणसी शहर में सोडियम लाइट को हटाकर खास एलईडी लाइट लगाई गई है. गंगा घाट से लेकर पूरा शहर दुधिया रोशनी में जगमगा रहा है.

बिजली व्यवस्था में सुधार के कदम

वाराणसी में बिजली व्यवस्था की दिशा में इससे पहले के केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कई सौगात दिए. 571 करोड़ रुपये में आइपीडीएस के तहत बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है. करीब 30 हजार एलईडी लाइट से शहर रोशन, हाईमास्ट से 84 घाट रौशन हुए. धरोहरों में सारनाथ के स्तूप, राजघाट के लाल खां रौजा व मानमंदिर घाट में रोशनी बिखेरने के लिए कदम उठाए गए. इसके अलावा कालोनियों में हेरिटेज लाइटिंग की सौगात मिली है.

स्वास्थ्य सेवा को बड़ा कदम

वाराणसी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के पूरे इलाके में स्वास्थ्य सेवा की हालत काफी खराब दशा में है. ऐसे में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 580 करोड़ का बीएचयू में महामना मालवीय कैंसर इंस्टीट्यूट के निर्माण का काम चल रहा. 200 करोड़ का मल्टी स्पेशियालिटी अस्पताल की सौगात मिली. इतना ही नहीं कर्मचारियों के इलाज के लिए 150 करोड़ की लागत से ईएसआई अस्पताल का विस्तार किया गया. इसके अलावा 3.5 करोड़ की लागत से भेलूपुर स्थित ईएसआइ डिस्पेंसरी का स्थापना की गई है.

वाराणसी का स्वच्छ बनाने के लिए उठाए गए कदम

वाराणसी को स्वच्छ बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं. 320 करोड़ रुपये की लागत से अमृत योजना के तहत जल और सीवेज व्यवस्था की गई है. इसके अलावा 6.88 करोड़ रुपये की सीएसआर सहायता से करसड़ा में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए दिशा में कदम उठाया. शहर के 90 वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए 12 करोड़ का बजट रखा गया है, ताकि शहर साफ सुतरा रहे.

रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण

मोदी ने वाराणसी से वड़ोदरा के बीच चलने वाली नई ट्रेन की सौगात दी है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री शुक्रवार को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके अलावा शहर के रेलवे स्टेशन को आधुनिक तौर पर बनाया गया है. कैंट रेलवे स्टेशन पर स्वचालित सीढ़ी, 500 यात्रियों के लिए विश्रामगृह बनाया गया है. मंडुआडीह स्टेशन का कायाकल्प, विस्तारीकरण व उच्च स्तरीय सुविधाएं और काशी व शिवपुर स्टेशन पर सुविधाओं की बढ़ोतरी व सौंदर्यीकरण किया गया है.

ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण

पीएम मोदी का वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके तहत आठ करोड़ की लागत से दुर्गाकुंड, लक्ष्मीकुंड व लाटभैरव कुंड की सफाई व जीर्णोद्धार, 80 करोड़ में म्यूजिक हेरिटेज वॉक का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा 140 करोड़ रुपये की लागत से कन्वेंशन सेंटर की स्थापना की कवायद की गई है.

बुनकरों को भी मिली सौगात

पीएम मोदी वाराणसी के बुनकरों पर भी मेहरबान है. 213 करोड़ की लागत से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर व क्राफ्ट म्यूजियम की स्थापना की गई है. इसके अलावा 32 करोड़ की लागत से 25 हजार हस्त कलाकारों, बुनकरों के लिए नौ कॉमन फैसिलिटी सेंटर व 10 ब्लॉक क्लस्टर भी बनाए जा रहे हैं.