नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) की एक कथित चिट्ठी वायरल हो गई है. इस चिट्ठी पर आरएसएस के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी का नाम और हस्ताक्षर देखे जा सकते हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की कथित ‘मंशानुसार’ जोशी लिखते हैं कि हाल में विपक्षी दलों के नेताओं के यहां केंद्रीय जांच संस्थाओं ने जो छापे मारे हैं उन सभी ‘कार्रवाइयों में बीजेपी की भूमिका संदेहास्पद प्रतीत हो रही है. वहीं केंद्रीय एजेंसियों का हस्तक्षेप व दबाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है.’
फ़ेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप पर तेजी से वायरल हो रही इस चिट्ठी को लेखक और फिल्ममेकर अविनाश दास ने भी शेयर किया है. इसमें लिखा है कि ‘प्रशासनिक दृष्टि से सभी एजेंसियों को स्वतंत्र कार्य करने की छूट है. परंतु चुनाव के समय ऐसी कार्यवाही राजनीतिक रूप से आकलन करने के बाद ही की जानी चाहिए. चिट्ठी को नीचे पढ़ा जा सकता है.
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हालांकि इस चिट्ठी पर ग़ौर करने पर कुछ दिलचस्प बातें सामने आती हैं. इसमें ऊपर के हिस्से में आरएसएस का जो पता है, वह नागपुर का नहीं, बल्कि दिल्ली का है. जबकि भैयाजी जोशी नागपुर से आरएसएस का काम देखते हैं. वे नागपुर में रह कर दिल्ली के पते वाले किसी दस्तावेज़ पर चिट्ठी क्यों लिखेंगे. इसके अलावा यह चिट्ठी कब लिखी गई, इसका भी ज़िक्र इसमें नहीं मिलता. यह बात भी गले नहीं उतरती कि भला संघ अपनी ही विचारधारा वाले राजनीतिक संगठन की इस तरह आलोचना क्यों करेगा.
वैसे आरएसएस ने भी तीन दिन पहले ही अपनी वेबसाइट पर जानकारी दे दी थी कि भैयाजी जोशी के नाम पर शेयर की जा रही यह चिट्ठी फ़र्ज़ी है. संघ की ओर से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है. इस बारे में संघ ने लिखा है, ‘चुनाव में लाभ लेने के लिए इस प्रकार की फ़र्ज़ी पोस्ट सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करके कुछ असामाजिक तत्व समाज को भ्रमित करने का विफल प्रयास कर रहे है. हम इसकी घोर निंदा करते हैं.’