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उ.प्र. के नए ‘वाड्रा’ अर्थात VIP ‘जमाई’ राजा…. भ्रष्ट दामाद ने बजा दी अपने महामहिम ‘ससुर’ जी की घंटी। 

सूर्यप्रताप सिंह 

उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारों को नौकरी बाँटेंगे एक महामहिम के दाग़ी ‘दामाद’ जी। पहले से ही पूरे देश में सब पर भारी है एक ‘दामाद’ और अब दूसरे ‘जमाई राजा’, उत्तर प्रदेश में पधारने को आतुर है…….स्वागत करो, उत्तर प्रदेश में एक नए ‘वाड्रा’ युग का !
बोर्ड परीक्षाओं में ‘नक़ल’ के लिए ‘कुख्यात’ विधानसभा क्षेत्र की पहचान वाले व एक ‘जाति’ विशेष के प्रभावशाली महामहिम राजपाल ने अपने प्रभाव से अपने ‘नकारा’ डॉक्टर ‘दामाद’ को धकेलकर ‘चोर-गली’ से अपने उ.प्र. के मुख्यमंत्री काल में ही वर्ष 1999 में IAS बना दिया था ; Nepotism व Conflict of interest का इससे बड़ा दृष्टांत और क्या हो सकता है ? बाद में उन्हें दो जिलों के ज़िलाधिकारी पद से नवाज़ कर उपकृत किया गया, जहाँ महामहिम के ‘जमाई’ राजा ने ख़ूब लूट मचाई। यदि इस ‘जमाई’ राजा के IAS बनाने की कहानी की आज भी जाँच हो जाए तो महामहिम को लेने के देने पड़ जाएँगे।
ये VIP ‘दामाद’ एक सरकारी डॉक्टर होते हुए कभी-कभार ‘काग़ज़ पर’ ग्रामीणक्षेत्र के अस्पताल में तैनात तो रहे, परंतु ग़रीब ग्रामीणों की सेवा की बात तो दूर, वहाँ कभी जाते भी नहीं थे, हमेशा अनधिकृत रूप से शासन के आदेश के विरुद्ध प्राइवेट प्रैक्टिस करते रहे….. आख़िर सरकारी ‘दामाद’ जो ठहरे, भला किसकी हिम्मत थी, ऐसे हाई-रैंकिंग ‘जमाई राजा’ के विरोध करने की।
आज कल ये VIP ‘जमाई’ राजा सेवनिवृत्त हो गए हैं और अब बड़ी बेतावी से उ.प्र. में किसी भर्ती आयोग के ‘अध्यक्ष’ बनकर मलाई चाटना चाहते हैं….. लोकसेवा आयोग या फिर अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में। उनके ससुर महामहिम का फ़रमान उत्तर प्रदेश सरकार को मिल चुका है और उ.प्र. में नौकरशाही के ‘मुखिया’ अति परेशान हैं कि क्या किया जाए ? न निगलते बन रहा है और न उगलते क्यों कि भर्ती आयोगों के अध्यक्ष पदों के लिए बड़े-२ योग्य, ईमानदार पूर्व नौकरशाहों, प्रोफ़ेसर आदि ने आवेदन किए हैं, तो ‘दाग़ी’, भ्रष्ट ‘दामाद’ जी की इच्छा पूरी कैसे की जाए….. डर है कि ग़लत काम करने पर कहीं उच्चन्यायालय का डंडा न चल जाए तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी। वैसे भी आजकल तमाम भ्रष्ट नौकरशाह जेल की हवा खाते जा रहे हैं, पता नहीं और कब किस और का नम्बर आ जाए ? 100 दाग़ी नौकाशाहों पर वैसे ही योगी जी की तिरछी नज़र है, पता नहीं कब बर्खास्त हो जाएँ।
आपको याद होगा कि उ.प्र. लोकसेवा आयोग में अखिलेश यादव ने ‘जाति विशेष’ के भ्रष्ट अयोग्य अध्यक्ष की तैनाती की थी और उनके द्वारा की गयी सभी भर्तियाँ उच्च न्यायालय में चैलेंज हुई थी। भ्रष्ट अध्यक्ष अनिल यादव को तो कोर्ट ने बर्खास्त कर दिया था लेकिन अनिल यादव को बचाने की मनसा से पूर्व वर्ष २०११ व २०१२ की ‘पीसीएस’ परीक्षाओँ की कापी जलाने वाले अनिरुद्ध यादव अभी बचे है। CM योगी ने लोकसेवा आयोग के भ्रष्टाचार की CBI जाँच के आदेश देकर सबको बता दिया है कि भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की ‘Zero Tolerance’ पॉलिसी है….. लेकिन ‘ससुर’ महामहिम हैं कि समझने को तैयार ही नहीं या यूँ कहें कि ये जानते हैं कि यदि इच्छा पूरी नहीं हुई तो ‘जमाई’
को ‘जम’ का रूप लेने भी देर नहीं लगती, इसी लिए डरे भी हैं।
‘दामाद’ जी की इच्छा पूर्ति के लिए महामहिम महोदय ने अपना ‘veto’ तो लगा दिया है लेकिन क्या निष्ठावान व अपनी धुन की पक्के CM योगी, ईमानदार लोगों की ‘प्रतिभा’ को दरकिनार कर भ्रष्ट ‘दामाद’ जी को किसी भर्ती आयोग की ज़िम्मेदारी ‘दहेज’ में देंगे…..विश्वास नहीं होता।
जो CM योगी को जानते है उनका विश्वास है कि ‘महामहिम’ जी को अंततः इस मामले में निराशा ही हाथ लगेगी !!
फिर भी स्वागत करों ! उत्तर प्रदेश के नए ‘वाड्रा’ जी….अर्थात VIP जमाई राजा के प्राकट्य का।