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उत्तर प्रदेश के बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर, प्रदेश ही नही देश के सबसे कुपोषित जिले

लखनऊ। देश में सबसे ज्यादा कुपोषित जिले-बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर हैं। इसका खुलासा नीति आयोग की एक ताजा रिपोर्ट में हुआ है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि देश के 100 सर्वाधिक कुपोषित जिलों में सर्वाधिक 29 जिले उत्तर प्रदेश के हैं।

नीति आयोग के नए उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने मंगलवार को ‘नेशनल न्यूट्रीशन स्टै्रटजी’ रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में आयोग ने देश को कुपोषण से मुक्त करने की योजना पेश की है। साथ ही 2022 तक कुपोषण के शिकार बच्चों के अनुपात में कमी लाने का संकल्प भी व्यक्त किया है। आयोग ने इस रिपोर्ट में देश के सर्वाधिक 100 कुपोषित जिलों की सूची भी दी है जिसमें पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के तीन जिले- बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर हैं।

आयोग की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब हाल में यूपी में गोरखपुर में जापानी बुखार से पीडि़त बच्चों की इलाज के दौरान मौत के मामले सामने आए हैं। जापानी बुखार फैलने की एक वजह कुपोषण को भी माना जाता है।

नीति आयोग ने ‘स्टंटिंग’ के आधार पर सर्वाधिक कुपोषित 100 जिलों की रैंकिंग की है। यूनिसेफ के अनुसार स्टंटिंग का मतलब पांच साल से कम उम्र के बच्चों की आयु के अनुसार लंबाई के मापदंड पर बच्चांे के पोषण की स्थिति के आकलन से होता है। यह किसी भी समाज में व्याप्त कुपोषण की स्थिति को दर्शाने का एक तरीका है।

आयोग की इस रिपोर्ट में देश को कुपोषण से मुक्त बनाने की रणनीति पेश की गयी है। इसमें देश को कुपोषण मुक्त बनाने का विजन पेश करते हुए 2022 तक पांच साल से कम उम्र के कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत वर्तमान में 35.7 प्रतिशत से घटाकर 2022 में 20.7 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही छह महीने से पांच साल तक के अनीमिया के शिकार बच्चों का अनुपात भी 58.4 प्रतिशत से घटाकर 19.5 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा है।

रिपोर्ट लांच करते हुए नीति आयेाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि कुपोषण शासन की विफलता का प्रतीक है। इस अवसर पर विशेष एच सुदर्शन ने कुपोषण को राष्ट्रीय शर्म करार दिया। वहीं हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन ने कहा कि देश में कृषि उत्पादकता और उत्पादन बढ़ने के बावजूद अगर बच्चे कुपोषण के शिकार हैं तो यह चिंता का विषय है।