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आतंकियों ने कैसे कड़ी सुरक्षा भेदकर गुजरात के यात्रियों को लिया प्राइम टारगेट पर

नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रियों पर हमले को लेकर चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ है। निशाने पर मोदी के गुजरात के ही यात्री थे। वजह कि मारे गए सभी यात्री गुजरात से नाता रखते हैं.   ये हमला उस स्थिति में हुआ जब यात्रा के लिए सुरक्षाबलों की संख्या पिछले साल से बढ़ाकर लगभग दोगुनी की गई थी. बाइक पर आए दो आतंकियों ने ही इस हमले को अंजाम दिया. बता दें, अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी. यात्रा शुरू होने से पहले ही हमले का खुफिया अलर्ट जारी किया गया था. जिसके बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा और पुख्ता की गई थी.

कैसे हुआ हमला

हमला करीब आठ बजकर बीस मिनट पर बाँटेंगू के पास हुआ। जब अमरनाथ यात्री बाल्टाल से वापसी कर रहे थे। बाल्टाल यात्रियों का बेसकैंप है. मले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं ने ट्वीट कर कड़ी निंदा की.

India will never get bogged down by such cowardly attacks & the evil designs of hate.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया 

India will never be intimidated by these terrorist cowards

This is a grave & unacceptable security lapse. The PM needs to accept responsibility and never allow it to happen again

ये किए गए सुरक्षा के खास इंतजाम:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीर्थयात्रा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की है.केंद्र ने राज्य को पैरामिलिट्री फोर्स की 250 अतिरिक्त कंपनियां दी हैं.सीमा सुरक्षा बल ने यात्रा के लिए 2000 जवान तैनात किए हैं.सेना ने 5 बटालियन और 54 अतिरिक्त कंपनी सुरक्षाबल दिए हैं. पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात. 300 किलोमीटर लंबी अमरनाथ यात्रा के लिए लगभग 40 हजार सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं.

40 दिन लंबी यात्रा इस साल अमरनाथ यात्रा 40 दिनों तक चलेगी. यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी, जो 7 अगस्त तक चलेगी. हालांकि, पिछली बार ये यात्रा 48 दिनों तक चली थी. वहीं इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 2 लाख 12 हज़ार अमरनाथ यात्रियों ने पंजीकरण कराया था.