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आतंकवाद पर हुई फजीहत तो अब पाक आर्मी चीफ बाजवा ने दी सफाई

इस्लामाबाद। अपनी जमीन पर आतंकवाद को पनपने देने और आतंकी संगठनों के खिलाफ माकूल कार्रवाई न करने को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों के निशाने पर आया पाकिस्तान अब सफाई देने में जुट गया है। पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री और अब पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने आतंकवाद के मुद्दे पर देश की पॉलिसी का बचाव किया है। पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कुछ नहीं किया है तो दुनिया के किसी देश ने कुछ नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि अब आतंकवाद के खिलाफ ऐक्शन लेने की बारी दुनिया की है।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी समूहों को ‘पनाह’ देने के लिए पाकिस्तान को सार्वजनिक तौर पर कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद ब्रिक्स देशों की तरफ से जारी घोषणापत्र में आतंकवाद की निंदा करते हुए खास तौर पर कई पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया था। ब्रिक्स देशों में पाकिस्तान का नजदीकी चीन भी शामिल है। ऐसे में दोनों ही देशों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा होना पड़ा है। इसके बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश शर्मिंदगी का सामना करता रहेगा।

द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल बाजवा 1965 की जंग में शहीदों को श्रद्धांजलि देने से जुड़े एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हमारी सभी कोशिशों के बावजूद, हमारे अनगिनत बलिदानों और दशकों तक चली जंग के बावजूद, हमें कहा जा रहा है कि हमने आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए। अगर इस जंग में पाकिस्तान ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए तो दुनिया के किसी भी देश ने कुछ भी नहीं किया है।’ बाजवा ने कहा, ‘इतने सीमित संसाधनों के साथ सिर्फ पाकिस्तान ने इस स्तर की कामयाबी हासिल की है। ऑपरेशन शेर दिल से लेकर, राहे रास्त, राहे निज़ात, ज़र्बे अज़ब और अब रद्द-उल-फसाद, हमने हर छोटी से छोटी कामयाबी को हासिल करने के लिए अपना खून बहाया है। और मैं यही कहूंगा कि अब दुनिया को कुछ ज्यादा करना चाहिए।’

डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका अरबों डॉलर की मदद पाकिस्तान को दे रहा है, इसके बावजूद वह जमीन पर आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा। इस बयान पर नाराज पाक आर्मी चीफ ने कहा, ‘हमें मदद नहीं चाहिए। हमें आपका सम्मान और भरोसा चाहिए। हमारे द्वारा उठाए गए कदमों और दी गई कुर्बानियों की तारीफ होनी चाहिए।’ आर्मी चीफ ने कहा कि वह सभी देशों के साथ मधुर रिश्ते चाहते हैं। अगर दूसरे देश उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में मदद नहीं दे सकते तो कम से कम उन्हें अपनी नाकामी के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।

आर्मी चीफ अपनी स्पीच में कश्मीर का राग अलापने और भारत को नसीहत देना न भूले। उन्होंने कहा, ‘भारत को यह समझना चाहिए कि कश्मीर में सैकड़ों हजारों युवाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान या आजाद जम्मू-कश्मीर की दखल की जरूरत नहीं है। यह भारत के हित में है कि वह पाकिस्तान का अपमान करने या कश्मीरियों के खिलाफ बल का इस्तेमाल करने के बजाए कश्मीर मुद्दे के स्थाई हल के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक हल को प्राथमिकता दे।’