Breaking News

आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को मानदेय देने के मामले में हरियाणा दूसरे स्थान पर: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार द्वारा पिछले सात वर्षों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से आग्रह किया कि वे अपने राजनीतिक नेताओं के बहकावे में न आएं।

हरियाणा की अपेक्षा तमिलनाडु में आंगनवाड़ी वर्कर को 12200 रुपए, छत्तीसगढ़ में 6500 रुपए, मध्यप्रदेश में 10 हजार रुपए, पश्चिम बंगाल में 8250 और पंजाब में 9500 रुपए मानदेय दिया जा रहा है जो कि हरियाणा से काफी कम है। इसी तरह मिनी आंगनवाड़ी वर्कर को हरियाणा में 11401 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। जबकि तमिलनाडु में 9400 रुपए, तेलंगाना में 7800 रुपए, छत्तीसगढ़ में 4500 रुपए, मध्यप्रदेश में 5750 रुपए और पंजाब में 6300 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी हेल्पर की बात करें तो हरियाणा में आंगनवाड़ी हेल्पर को 6781 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। हरियाणा की तुलना में छत्तीसगढ़ में आंगनवाड़ी हेल्पर को 3250 रुपए, मध्यप्रदेश में 5000 रुपए, पश्चिम बंगाल में 4800 रुपए और पंजाब में 5000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। इन आंकड़ों से जाहिर हो रहा है कि हरियाणा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा वेतन और सुविधाएं मिल रही हैं।

इस मौके पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश के पहले तीन राज्यों में है, जहां आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सबसे ज्यादा मानदेय दिया जा रहा है, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में तो हरियाणा पहले स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गत दिसंबर माह में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 850 रुपये तथा सहायकों के मानदेय में 736 रुपये वृद्धि की गई थी।

गौर करने वाली बात है कि हरियाणा में वर्ष 2014 में आंगनवाड़ी वर्कर को 7500 रुपए और आंगनवाड़ी हेल्पर को 3500 रुपए बतौर मानदेय मिलता था जो कि अब लगभग दोगुना हो चुका है। हरियाणा सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रति मास 12661 रुपए, मिनी आंगनवाड़ी वर्कर को 11401 रु व सहायिका को 6781 रुपए मानदेय दे रही है। यह मानदेय केंद्र के शेयर को मिलाकर है। हरियाणा सरकार द्वारा आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को जो मानदेय दिया जा रहा है वह उत्तर भारत के राज्यों में सर्वाधिक व देशभर में दूसरे स्थान पर है।