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अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीपीआईएम कार्यालय पहुंचकर सीताराम येचुरी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की

नई दिल्ली

वामपंथी नेताओं का पार्टी कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी सीताराम येचुरी के अंतिम दर्शनों के लिए दिल्ली स्थित सीपीआईएम कार्यालय पहुंचे हैं।

सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास से पार्टी कार्यालय लाया गया है। सीताराम येचुरी का 12 सितंबर को इलाज के दौरान दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। वह सांस संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। वामपंथी नेताओं का पार्टी कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी सीताराम येचुरी के अंतिम दर्शनों के लिए दिल्ली स्थित सीपीआईएम कार्यालय पहुंचे हैं। कांग्रेस संसदीय समिति की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सीपीआईएम कार्यालय पहुंचकर सीताराम येचुरी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता जैसे जयराम रमेश, राजीव शुक्ला और अजय माकन आदि भी मौजूद रहे। पूर्व गृह मंत्री पी.चिदंबरम ने भी सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

रिसर्च के लिए एम्स को दान किया गया सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर
येचुरी का पार्थिव शरीर आज यानी शनिवार को सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक सीपीआईएम कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रहेगा। इसके बाद उनके शव को उनकी इच्छा के मुताबिक मेडिकल रिसर्च के लिए एम्स को सौंप दिया जाएगा। सीताराम येचुरी का गुरुवार दोपहर 3:05 बजे 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए एम्स, नई दिल्ली को दान कर दिया। सीताराम येचुरी को पहले 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें आईसीयू में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

छात्रसंघ के समय से राजनीति में रहे सक्रिय
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और पार्टी के संसदीय समूह के नेता थे। उनका जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्हें 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आपातकाल में जेएनयू में रहते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह लगातार तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में उनको सीपीआईएम की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था। 2015 में उनको पार्टी का महासचिव चुना गया और उसके बाद से इस पद पर बने हुए थे।