नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मोदी सरकार का दूसरा रेल बजट पेश किया। उन्होंने बजट पेश करने के दौरान अपनी नीतियों की प्रासंगिकता को तार्किक बनाने के लिए दर्शन का भी सहारा लिया। अपने बजट भाषण के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की कविता की पंक्तियां याद कीं तो आखिरी में उन्होंने महात्मा बुद्ध को याद किया।
रेल मंत्री ने अपने बजट भाषण के समापन में कहा कि मोदी सरकार रेलवे का कायापलट करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह अपने मुकाम पाने तक जारी रहेगा। सुरेश प्रभु ने कहा, ‘मैं गौतम बुद्ध को याद करना चाहूंगा। उन्होंने कहा था कि आप अक्सर दो गलतियां करते हैं- पहली गलती है सफर शुरू नहीं करना और दूसरी गलती है सभी राहों को नहीं देखना। हमलोगों ने यात्रा शुरू कर दी है और हर राह की तरफ देख भी रहे हैं। मैं इसी सोच के साथ रेल बजट स्पीच खत्म करता हूं।
रेलमंत्री का कहना था कि उन्होंने बजट बनाने के दौरान सभी वर्गों का ख्याल रखने की कोशिश की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बजट से सभी को खुशी होगी।