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विजेंदर से लड़ने को सांप का खून पी रहा विदेशी बॉक्सर, 12 को है मुकाबला

bloodमैनचेस्टर। भारत के प्रोफेशनल बॉक्सर विजेंद्र सिंह का 12 मार्च को मुकाबला हंगरी के एलेक्जेंडर होरवाथ से है। रिंग में उतरने से पहले होरवाथ ने कहा- ‘मेरी नसों में सांपों का खून दौड़ रहा है और ऐसे में हो ही नहीं सकता कि विजेंद्र मुझे हरा सकें। जब से मैंने अपनी डाइट में सांपों का खून शामिल किया है, उसके बाद से मैं पहले से ज्यादा ट्रेनिंग और बेहतर पंच कर रहा हूं।
पिछले तीनों मुकाबले जीतकर ‘अनबीटन’ चल रहे विजेंद्र 12 मार्च को लिवरपूल ईको एरेना में सुपर मिडलवेट बॉक्सर होरवाथ से दो-दो हाथ करेंगे। इस मुकाबले को लेकर होरवाथ जोरदार तैयारी में जुटे हैं। होरवाथ का मानना है कि उनकी डाइट में सांपों का खून मिलाने से उन्हें काफी ताकत मिलेगी। हंगरी के कई इलाकों में सांपों का खून काफी मशहूर है और दावा ये किया जाता है कि सांप का खून पीने से पीने से ताकत मिलती है। होरवाथ ने माना, ‘मेरे परिवार में सांपों का खून पीने का ट्रेडिशन है। मैं भी पीता हूं और जीत के लिए खेलता हूं।’
 कहा जाता है कि हंगरी के सैनिकों ने तुर्कों को हराने से पहले सांपों का खून पिया था और इसके बाद जंग जीती थी। 20 वर्षीय होरवाथ ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि विजेंद्र का भारत में काफी नाम है और वहां वह एक बड़ी हस्ती हैं, लेकिन मेरे लिए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं इंग्लैंड में उन्हें मुक्केबाजी का सबक सिखाने जा रहा हूं। जंग में जीतता सिर्फ एक है। मैं विजेंद्र से काफी बेहतर हूं और उन्हें हराकर ही दम लूंगा।’
30 साल के मिडिलवेट चैंपियन विजेंदर ने अबतक अपनी सभी तीन फाइट्स नॉकआउट के जरिए जीती हैं।  चौथे मैच में वे जिस होरवाथ से भिड़ने वाले हैं, उन्होंने अपने 7 में से 5 मुकाबलों में जीत हासिल की है। लेकिन विजेंद्र उससे बेपरवाह नजर आते हैं। विजेंद्र मानते हैं कि होरवाथ के पास एक्सपीरिएंस थोड़ा ज्यादा है, लेकिन उनका यह भी कहना है कि उनके मुक्कों की ताकत के सामने होरवाथ ज्यादा देर टिक नहीं पाएंगे।